एक मृतक महिला के पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी दिवगंत पत्नी की तस्वीर को हाथरस बलात्कार पीड़ित बताकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल और ट्विटर से जवाब मांगा है.
वीडियो: 24 वर्षीय नवदीप कौर मज़दूर अधिकार संगठन की सदस्य हैं, जिन्हें बीते 12 जनवरी को सोनीपत में एक औद्योगिक इकाई पर हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने उन पर हत्या के प्रयास और उगाही के आरोप में तीन मामले दर्ज किए थे. कुछ दिन पहले उन्हें ज़मानत मिली है.
दलित अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर के साथ काम करने वाले मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को एक औद्योगिक इकाई के ख़िलाफ़ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज दो मामलों में तीन मार्च और एक मामले में 4 मार्च को ज़मानत मिल गई. 12 जनवरी को कौर की गिरफ़्तारी के बाद शिव कुमार को हिरासत में लिया गया था.
नवदीप कौर और शिव कुमार दोनों मज़दूर अधिकार संगठन के सदस्य हैं. दोनों को जनवरी में गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि दोनों कृषि क़ानून के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन को लेकर लोगों को एकजुट कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ़्तार किया गया.
बीते हफ्ते उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव में तीन लड़कियां अचेत अवस्था में मिली थीं, जिनमें से दो की मौत हो गई और एक अस्पताल में है. पुलिस के अनुसार मामले में गिरफ़्तार एक युवक ने स्वीकारा है कि उसने उपचाराधीन युवती के फोन नंबर देने से मना करने पर नाराज़ होकर पानी में कीटनाशक मिलाया, जिसे तीनों ने पिया था.
बीते 17 फरवरी को उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव में दलित समुदाय की तीन लड़कियां बेसुध अवस्था में मिली थीं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि एक का इलाज चल रहा है. इससे पहले ट्विटर पर भ्रामक और अफ़वाह फैलाने वाली पोस्ट करने के आरोप में पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता उदित राज के ख़िलाफ़ भी एफ़आईआर दर्ज की थी.
उन्नाव के बबुरहा गांव की दलित युवतियों को ज़हर देने के मामले को सुलझाने का दावा करते हुए पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक उपचाराधीन 17 साल की युवती को पसंद करता था और युवती के फोन नंबर देने से मना करने से पर उसने नाराज़ होकर पानी में कीटनाशक मिला दिया, जिसे तीनों लड़कियों ने पी लिया.
उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव में दो किशोरियों की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस का कहना है कि मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है और न ही उनके शरीर पर चोट का कोई निशान मिला है. हालांकि मृतकाओं के शरीर में ज़हरीला पदार्थ मिलने की पुष्टि हुई है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस बारे में रिपोर्ट तलब की है.
घटना उन्नाव ज़िले के बबुरहा गांव की है, जहां चारा लेने गई एक परिवार की तीन युवतियों के घर न लौटने पर परिवार ने खोजबीन के दौरान उन्हें एक खेत में अचेत पाया. उनके हाथ भी बंधे थे. पुलिस का कहना है कि प्रथमदृष्टया मामला ज़हर खाने का लग रहा है. जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं.
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर ज़िले की घटना. आरोप है कि दलित युवक ने अपनी बकरियों को खिलाने के लिए आम के पेड़ से पत्ते तोड़े थे, जिसके बाद आरोपियों ने उसकी पिटाई की थी. पुलिस ने केस दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 14 सितंबर को ठाकुर जाति के चार युवकों ने कथित तौर पर एक दलित युवती से बलात्कार कर बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके बाद इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. सीबीआई ने अभियुक्तों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप भी लगाए हैं.
मध्य प्रदेश के छतरपुर ज़िले के गौरीहार थाना क्षेत्र का मामला. पुलिस ने बताया कि मामले के दोनों आरोपी फ़रार है, उनकी तलाश की जा रही है.
नागरिक अधिकार संस्था ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है. संस्था का कहना है परिवार नज़रबंद जैसी स्थितियों में रह रहा है. सीबीआई को मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच करनी चाहिए.
गुजरात के भावनगर ज़िले के मातलपुर गांव की घटना. एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि मृतक दलित थे और उन्होंने काम करने से इनकार कर दिया था, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई. मृतक पर चार आपराधिक मामले दर्ज थे और एक आरोपी की चचेरी बहन से छेड़खानी का भी आरोप था.
यह अमेठी के बंदुहिया गांव की घटना है, जहां आरोप है कि सवर्ण जाति के पांच-छह लोगों ने दलित ग्राम प्रधान के पति को अगवा कर मारपीट की और उन्हें ज़िंदा जला दिया. प्रधान के परिवार का कहना है कि आरोपी सरकारी धन उगाहने को लेकर धमकाया करते थे. पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है.