मोदी को भय की राजनीति में संघ की भूमिका पर ध्यान देना चाहिए

क्या नरेंद्र मोदी यह कहना चाह रहे हैं कि मुस्लिमों को जिस भय की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वे उसे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे? अगर उन्हें गंभीरता के साथ इस ओर काम करना है तो इसकी शुरुआत संघ परिवार से नहीं होनी चाहिए.

एक के बाद एक भड़काऊ बयान दे रहे श्रीश्री रविशंकर पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?

अयोध्या के संबंध में श्रीश्री का यह दावा करना कि अगर अदालत हिंदुत्ववादियों की मांग को ख़ारिज करता है तो हिंदू हिंसा पर उतर आएंगे, इसके ज़रिये वह न केवल क़ानून के राज को चुनौती दे रहे थे बल्कि संवैधानिक सिद्धांतों पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे.

धर्म की बेलगाम राजनीति रोकी नहीं गई तो हिंदुओं में भी हाफ़िज़ सईद पैदा होंगे: प्रकाश आंबेडकर

बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.

रविशंकर जी! और भी ग़म हैं अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के सिवा…

माहौल का असर है या कुछ और कि श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में कोई भी गंभीरता से नहीें ले रहा. लेकिन श्री श्री का सौभाग्य कि वे मीडिया की भरपूर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं.