आर्थिक सुधारों के बाद से उद्योग घरानों ने ही बैंकों को लूटा है

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आर्थिक संकट में उद्योगपतियों ने ही डाला है और कमाल की बात यह है कि निजीकरण के तहत इन बैंकों को एक तरह से उनके ही क़ब्ज़े में देने की बातें हो रही हैं.

मोदी सरकार में घोटालेबाज़ों को आसानी से देश छोड़ने की सहूलियत: करात

पीएनबी घोटाले पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को लेकर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि वह ‘मौनेंद्र मोदी’ बन गए हैं.

भारत में आर्थिक असमानता बढ़ रही है, ग़रीब और ग़रीब हो रहे हैं: रिपोर्ट

ग़ैर सरकारी संगठन ऑक्सफेम इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत के 101 अरबपतियों की संपत्ति जीडीपी के 15 प्रतिशत के बराबर है.

भाजपा धर्म आधारित राजनीति में विश्वास नहीं करती: नरेंद्र मोदी

मेघालय में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इराक में आईएसआईएस द्वारा बंदी बनाई गई 46 नर्सों को छुड़वाया था. वे सभी ईसाई थीं.

एक साल में भारत में भ्रष्टाचार बढ़ा, 180 देशों की सूची में 81वें स्थान पर पहुंचा

ग़ैर सरकारी संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की 180 देशों की रिपोर्ट में भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भ्रष्टाचार और प्रेस स्वतंत्रता के मामले में सबसे ख़राब स्थिति वाले देशों की श्रेणी में रखा गया है.

सब कुछ बदलने का वादा करके आए मोदी ने भ्रष्ट आर्थिक नीतियों को ही आगे बढ़ाया

आज जब दुनिया में नाना प्रकार के खोट उजागर होने के बाद भूमंडलीकरण की ख़राब ​नीतियों पर पुनर्विचार किया जा रहा है, हमारे यहां उन्हीं को गले लगाए रखकर सौ-सौ जूते खाने और तमाशा देखने पर ज़ोर है.

प्रधानमंत्री जी, आम लोगों की मेहनत की कमाई से कॉरपोरेट लूट की भरपाई कब तक होती रहेगी?

पिछली सरकारों में व्यवस्था को अपने फ़ायदे के लिए तोड़ने-मरोड़ने वाले पूंजीपति मोदी सरकार में भी फल-फूल रहे हैं.

क्या तिरंगा यात्राएं शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनती जा रही हैं?

देश के झंडे को भी क्यों सांप्रदायिक आधार पर बांटा जा रहा है? क्या हम लड़ते-लड़ते इतने दूर आ गए हैं कि देश के झंडे का भी बंटवारा कर देंगे?

नीरव मोदी भले ही नरेंद्र मोदी न हो, मगर नरेंद्र मोदी की जांच एजेंसियों से नहीं डरता है

नीरव मोदी जी, भारत आने से न डरें. आपकी रिश्तेदारी ही इस कमाल की है कि हाथ लगाने में हुज़ूर के हाथ कांप जाएंगे.

…कहां है ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ कहने वाला देश का चौकीदार?

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘पहले ललित, फिर माल्या, अब नीरव भी हुआ फरार. कहां है 'न खाऊँगा, न खाने दूँगा' कहने वाला देश का चौकीदार? साहेब की खामोशी का राज़ जानने को जनता बेकरार, उनकी चुप्पी चीख चीख कर बताए वो किसके हैं वफादार?’

मोदी जी ने नोटबंदी करके पैसा बैंकों में डलवाया…नीरव 22 हजार करोड़ निकाल ले गया: राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि पैसा बैंकों में डलवाते वक्त प्रधानमंत्री ने एक प्रकार से जिम्मेदारी ली कि लोगों के पैसे की सुरक्षा की जाएगी. अब अलग-अलग मंत्री स्पष्टीकरण दे रहे हैं. किंतु, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जो जिम्मेदार हैं, उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा.

तू इधर-उधर की बात मत कर, ये बता नीरव ने कारवां कैसे लूटा

गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी हैं जिनका नाम साल 2015 में मुंबई में सोने का सिक्का लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री बड़े प्यार से ले रहे थे, ‘हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं.’ अभी तक प्रधानमंत्री के ये ‘हमारे मेहुल भाई’ गिरफ़्तार नहीं हुए हैं.

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