सितंबर 2018 में केंद्र सरकार की आधार योजना को लेकर दिए अपने फ़ैसले की समीक्षा के अनुरोध वाली याचिकाओं को बहुमत से ख़ारिज करते हुए पीठ ने कहा कि इसकी ज़रूरत नहीं है.
निजता को मौलिक अधिकार मानने के सिद्धांत पर आधारित होने की बजाय आधार वास्तव में इसके विरोध में खड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले की रौशनी में आधार पर फिर से विचार किए जाने की ज़रूरत है.
नौ जजों की एक बेंच सुनवाई कर रही है कि क्या निजता के अधिकार को संविधान के तहत बुनियादी अधिकार करार दिया जा सकता है.