सुप्रीम कोर्ट ने पालघर लिंचिंग और लॉकडाउन के बीच बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ जमा होने पर पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर 'भड़काऊ' टिप्पणियों के लिए दर्ज दो एफआईआर की जांच पर रोक लगाने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र सरकार की याचिका की सुनवाई में यह टिप्पणी की.
पालघर लिंचिंग मामले और लॉकडाउन के बीच बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी श्रमिकों की भीड़ जमा होने पर भड़काऊ टिप्पणियों के लिए दर्ज मामले को सुनते हुए अदालत ने कहा कि अर्णब गोस्वामी पर लगे आरोपों से मानहानि का मामला बन सकता है, लेकिन इसे किसी धार्मिक समुदाय के ख़िलाफ़ नहीं माना जा सकता है.
साल 2018 में रिपब्लिक टीवी सहित तीन कंपनियों पर बकाया न चुकाने का आरोप लगाते हुए दो लोगों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. पिछले साल महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की पुलिस ने यह कहते हुए मामले को बंद कर दिया था कि रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी व दो अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.
पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर मामलों को रद्द करने के साथ सीबीआई को सौंपने की मांग वाली रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है.
पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई है. अब महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत में डाली गई एक याचिका में कहा है कि अर्णब अपने चैनल के ज़रिये मुंबई पुलिस पर दबाव बना रहे हैं.
कांग्रेस नेताओं ने रिपब्लिक टीवी प्रबंधन और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया. वहीं, बेंगलुरु के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी ने एक टीवी डिबेट के दौरान कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था.