फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा कि 1990 के शुरुआती वर्षों में बैंकिंग को कमज़ोर गुणवत्ता के कर्ज़ देने की समस्या से जूझना पड़ा. ख़ासतौर पर बड़ी राशि के कर्ज़ गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना पूंजीवादी मित्रों को दिए गए, जिससे समस्या बढ़ गई.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पीएनबी घोटाले के बाद काफ़ी लोगों ने निजीकरण की बात शुरू कर दी है. भारत में बैंकों के निजीकरण को राजनीतिक रूप से स्वीकार नहीं किया जाएगा.
देश की सबसे युवा सरपंच छवि राजावत ने कहा कि पंचायतें धन के लिए नौकरशाही पर निर्भर हैं, उन्हें वित्तीय शक्तियां प्रदान की जानी चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने एनपीए को यूपीए सरकार के दौर का सबसे बड़ा घोटाला बताया.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का तीन पक्षीय सुधारों का सुझाव. जेटली बोले- भारत के पास अगले एक-दो दशक में उच्च वृद्धि की क्षमता है.