असम: सीमाई ज़िले के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में मुस्लिम अधिवक्ताओं को हटाकर हिंदुओं की नियुक्ति

धर्म के आधार पर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से पहले राज्य सरकार सीमाई ज़िलों में एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों की दर को लेकर कई बार नाख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी है.

सुनिश्चित करें कि असम में एनआरसी से लोग राज्यविहीन न हों: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने भारत सरकार से अपील की कि सूची में शामिल नहीं किए गए लोगों की अपील के लिए वाजिब प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. लोगों को निर्वासित नहीं किया जाए या हिरासत में नहीं लिया जाए.

एनआरसी मामले पर पूर्व जजों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की

पीपुल्स ट्रिब्यूनल की जूरी ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बावजूद न्यायपालिका की समय सीमा तय करने की जिद ने प्रक्रिया और इसमें शामिल लोगों पर दबाव बढ़ा दिया.

‘दस्तावेज़ होते हुए भी हमें एनआरसी में शामिल नहीं किया गया’

वीडियो: असम में जारी हुई एनआरसी के विरोध में नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल बंगाली यूथ एंड स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के बैनर तले विभिन्न बंगाली हिंदू संगठनों का प्रदर्शन.

असम में एनआरसी से बाहर हुए लोगों का क्या भविष्य है?

बीते शनिवार को जारी हुई एनआरसी की सूची में 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. जहां सभी राजनीतिक दलों द्वारा एनआरसी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए वास्तविक नागरिकों की मदद करने की बात कही जा रही है, वहीं भविष्य को लेकर सूची से बाहर रहे आम लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. असम से लौटी द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल न होने वाले लोग ‘राष्ट्र विहीन’ नहीं: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची क़ानूनी रूप से किसी व्यक्ति को विदेशी नहीं बनाती. क़ानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक उन्हें पहले की तरह ही सभी अधिकार मिलते रहेंगे.

यूएन शरणार्थी प्रमुख की अपील, एनआरसी जारी होने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्रविहीन न हो

असम एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.

असम: महिला ने एनआरसी में नाम न होने की अफवाह के बाद की आत्महत्या

महिला के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि सोनितपुर के दुलाबाड़ी इलाके की रहने वाली सायरा बेगम ने एनआरसी में अपना नाम ना होने की खबर सुनने के बाद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.

एनआरसी से असम का हर वर्ग नाराज़, वास्तविक नागरिकों के अधिकारों की रक्षा हो: कांग्रेस

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भाजपा नेताओं के एनआरसी सवाल उठाने पर कहा कि अगर भाजपा दुखी है, तो यह किसकी ज़िम्मेदारी है? यह सूची राज्य की भाजपा सरकार द्वारा ही तैयार करवाई गई है.

एनआरसी पर भाजपा ने उठाया सवाल, कहा- एनआरसी अपडेट पर भरोसा नहीं

असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने शनिवार को जारी हुई एनआरसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1971 से पहले आए कई लोगों के नाम इसमें नहीं जुड़े हैं. सुप्रीम कोर्ट को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत रीवेरिफिकेशन की अनुमति देनी चाहिए.

असम: एनआरसी की अंतिम सूची से नाराज़ ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन जाएगा सुप्रीम कोर्ट

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि एनआरसी अपूर्ण है. अपडेट प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए शीर्ष न्यायालय से अपील करेंगे. एनआरसी अपडेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले असम पब्लिक वर्क्स एनआरसी से निकाले गए नामों को लेकर नाखुशी जाहिर की है.

असम: एनआरसी की अंतिम सूची जारी, 19 लाख से अधिक लोग बाहर

असम में भारतीयों की पहचान करने के लिए शनिवार को एनआरसी की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई. 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोग अंतिम सूची में से बाहर कर दिए गए हैं.

क्या है असम में एनआरसी की कहानी

असम में एनआरसी का प्रकाशन बीते कुछ समय से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है. एक बड़ा तबका इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार को ज़िम्मेदार मानता है, लेकिन यह सच नहीं है.

जानिए क्या है एनआरसी और उसके पीछे की कहानी

वीडियो: असम में चल रही एनआरसी के कारण भले ही इसकी चर्चा अब पूरे देश में हो रही है, लेकिन इसकी जड़ें बेहद पुरानी हैं. एनआरसी से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बता रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

असम: एनआरसी को लेकर भाजपा के सुर क्यों बदल गए हैं?

विशेष रिपोर्ट: एनआरसी का पहला मसौदा जारी होने के बाद से अमित शाह समेत कई भाजपा नेता 'घुसपैठियों' को निकालने के लिए पूरे देश में एनआरसी लाने की पैरवी कर रहे थे. अब असम में एनआरसी के प्रकाशन से पहले भाजपा ने इसके ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.