मामला चंद्रपुर के नागभीड का है. आरोप है कि 16 साल की नाबालिग का उसी के गांव के दो लोगों द्वारा अपहरण कर बलात्कार किया गया, जिसके बाद उसने खेत के कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.
घटना पश्चिम विहार के पीरागढ़ी इलाके में चार अगस्त को हुई. बलात्कार के बाद बच्ची की हत्या का प्रयास भी किया गया. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई अपरिहार्य परिस्थितियों की वजह से जांच का काम पूरा नहीं कर सका है.
मामला बुलंदशहर का है, जहां बीते साल फरवरी में एक नाबालिग से बलात्कार किया गया था. परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी उन्हें धमकाता था और उन पर मामले में समझौता करने का दबाव डाला जा रहा था.
साल 2009 में अनुसूचित जाति की नाबालिग लड़की से हुए बलात्कार के आरोप में निचली अदालत ने एक बुज़ुर्ग को दोषी ठहराया था. इस व्यक्ति ने इस फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए यह कहा कि उसने सहमति से यौन संबंध बनाए थे.
आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सितंबर के बाद महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए विभिन्न अपराधों की सर्वाधिक शिकायतें इस साल जून में दर्ज की गईं. इससे पहले लॉकडाउन में घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के मामले बढ़ने की बात सामने आई थी, जिसे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ग़लत बताया था.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक घटना 27 जून की रात की है, जबकि चित्रकूट ज़िले के भरतकूप क्षेत्र में हुई दूसरी घटना 20 जून की है, इस मामले में 27 जून को केस दर्ज कराया गया.
कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित ने बलात्कार के एक आरोपी की अग्रिम ज़मानत मंज़ूर करते हुए शिकायतकर्ता को लेकर कई ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो उनके चरित्र पर सवाल खड़ा करती हैं.
घटना लुधियाना के माधोपुरी इलाके की है, जहां एक व्यक्ति ने नशे में अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार का प्रयास किया था, जिसके बाद उसकी पत्नी ने बेटे के साथ मिलकर ये क़दम उठाया. 2014 में यह व्यक्ति अपनी एक और बेटी से रेप की कोशिश के आरोप में जेल जा चुका था. उस बेटी ने कुछ समय बाद आत्महत्या कर ली थी.
यह घटना गुजरात के महिसागर की है. आरोप है कि 16 मई को खेत में कचरा डालने गई दलित नाबालिग लड़की से उन्हीं के गांव के चार युवकों ने गैंगरेप किया.
यह मामला बिलासपुर का है. पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है.
मामला बिहार के गया का है, जो सात अप्रैल को सामने आया. पीड़िता की सास का आरोप है कि आइसोलेशन वार्ड में पीड़िता की देखरेख करने वाले स्वास्थ्यकर्मी ने दो और तीन अप्रैल की रात को पीड़िता से बलात्कार किया. पीड़िता की छह अप्रैल को मौत हो गई थी.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि वैश्विक संगठन सभी देशों से मौत की सज़ा का इस्तेमाल बंद करने या इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील करता है.
निर्भया के दोषियों ने फांसी से कुछ ही घंटों पहले गुरुवार देर रात दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था. अदालत ने याचिकांए ख़ारिज कर दी थीं.
अदालत ने मौत की सज़ा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका ख़ारिज की. साल 2012 में 16 दिसंबर की रात दिल्ली में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार और बर्बरतापूर्वक हिंसा करने के बाद उसे और उसके दोस्त को चलती बस से फेंक दिया था. दो हफ्ते बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी.