संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूनिसेफ के रिपोर्ट के मुताबिक, दशक के अंत से पहले एक करोड़ अतिरिक्त बाल विवाह हो सकते हैं. इससे इस प्रथा को कम करने की वर्षों की प्रगति को ख़तरा उत्पन्न हो सकता है. दुनिया में आज अनुमानित 65 करोड़ लड़कियों और महिलाओं का विवाह बचपन में हुआ है. इनमें से आधी संख्या बांग्लादेश, ब्राज़ील, इथियोपिया, भारत और नाइज़ीरिया में है.
हाईकोर्ट ने कहा कि उनके लिए कोई आश्रय गृह नहीं हैं इसलिए बाल विवाह की क़ैद से मुक्त होने के बाद भी वे अपने ससुराल जाने के लिए बाध्य होती हैं. जहां उन्हें हिंसा और अत्याचार सहना पड़ता है.