महाराष्ट्र की जेलों में अब तक 269 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जेल विभाग का कहना है कि जिन क़ैदियों में कोरोना के लक्षण दिखे, सिर्फ उन्हीं का टेस्ट किया गया. हालांकि यह आईसीएमआर के दिशानिर्देशों के विरुद्ध है, जो संक्रमित के संपर्क में आने वालों और बिना लक्षणों वाले लोगों के भी अनिवार्य टेस्ट की बात कहता है.
एक मछुआरे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ग़ैर-रेड ज़ोन ज़िलों में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए विशेष प्रयोगशालाएं स्थापित करने को लेकर सरकार को निर्देश देने की मांग की है. महाराष्ट्र कोराना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है.
जेल में बंद वरवरा राव शुक्रवार शाम बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. महामारी के दौर में भी अदालत ने उन्हें वे रियायत देने की ज़रूरत नहीं समझी है, जो अन्य बुज़ुर्ग क़ैदियों को दी जाती हैं.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार राजनीतिक कार्यकर्ता और कवि वरवरा राव अगस्त, 2018 से जेल में बंद हैं. मामले की एक अन्य आरोपी सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति ने राज्य की विभिन्न जेलों में बंद 35,239 क़ैदियों में से 17 हज़ार से अधिक विचाराधीन क़ैदियों/क़ैदियों को रिहा करने का निर्णय लिया है. मुंबई की आर्थर रोड जेल में कोरोना संक्रमण के तकरीबन 185 मामलों की पुष्टि हुई है.
वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के नगर निकाय अधिकारियों के पास ग़ैर कोरोना रोगियों के लिए कोई विस्तृत कार्य योजना नहीं है और कई लोग इलाज के अभाव में पहले ही जान गंवा चुके हैं.
मुंबई के बांद्रा उपनगर के एक मुस्लिम कब्रिस्तान में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को दफनाने के बाद आसपास रहने वाले लोगों ने यहां कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के शव दफन करने पर रोक लगाने की मांग की थी.
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की घरों तक पहुंच सेवा पर रोक लगा दिया था. अदालत के हस्तक्षेप के बाद सरकार को अपने फैसले में संशोधन करना पड़ा था.
कांग्रेस नेताओं ने रिपब्लिक टीवी प्रबंधन और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी के ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया. वहीं, बेंगलुरु के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल तीन याचिकाओं में कहा गया कि पड़ताल में सामने आया है कि कई गैर-कोविड-19 मरीजों को भर्ती करने या उनका इलाज करने से इनकार किया जा रहा है क्योंकि चिकित्साकर्मियों को अपने क्लिनिकों या अस्पतालों में कोरोना वायरस फैलने का डर है.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के घरों तक वितरण पर रोक लगाने के पिछले सप्ताह के अपने दिशानिर्देशों में मंगलवार को संशोधन करते हुए कहा कि यह रोक केवल मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे में लागू होगी.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र शीर्ष अदालत ने वकीलों के सुप्रीम कोर्ट परिसर में आने पर रोक लगाते हुए अग्रिम आदेश तक उनके चेंबर सील करने का निर्देश दिया है. अदालत ने यह भी कहा कि बेहद आवश्यक कारणों के लिए वकील सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की अनुमति से परिसर में आएंगे.
लाइफबॉय साबुन बनाने वाली हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि जब कोरोना वायरस से बचाव के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साबुन और पानी का इस्तेमाल करने का दिशानिर्देश जारी किया है, तब डेटॉल हैंडवाश के विज्ञापन में साबुन की टिकिया को बेकार, निष्प्रभावी और कीटाणुओं से होने वाली बीमारी से नहीं बचा सकने वाला बताया जा रहा है.
महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हुई थी और 101 से अधिक घायल हो गए थे. भोपाल से भाजप सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मामले की मुख्य आरोपी हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि एल्गार और भीमा-कोरेगांव दो अलग विषय हैं. मेरे दलित भाइयों से जुड़ा मुद्दा भीमा-कोरेगांव का है और इसे मैं केंद्र को नहीं सौंपूंगा. मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि दलित भाइयों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा.