हमारा संविधान: क्या है अनुच्छेद 14 और क्या कहता है समानता का अधिकार

वीडियो: हमारा संविधान की इस कड़ी में लोकतंत्र के ढांचे के सबसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर- समानता के अधिकार और इससे जुड़ी बारीकियों के बारे में बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.

हमारा संविधान: अनुच्छेद 13- कोई भी क़ानून जो मौलिक अधिकारों से विरोधाभास है अमान्य हो जाएगा

वीडियो: भारत के संविधान का अनुच्छेद 13 कहता है कि कोई भी क़ानून, अध्यादेश, आदेश, नियम, प्रथा- जो संविधान के लागू होने से पहले से अस्तित्व में है या बाद में बनाया गया हो- यदि वह भाग तीन में दिए गए मौलिक अधिकारों से किसी भी प्रकार से विरोधाभास दर्शाता है या उनका हनन करता है तो ऐसे क़ानून को अमान्य माना जाएगा.

मिज़ोरम: दल-बदल क़ानून के तहत अयोग्य होने वाले पहले लोकसभा सांसद विधायक के तौर पर भी अयोग्य हुए

मिज़ोरम की सरछिप सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा पर आरोप था कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जबकि वह ज़ोराम पीपुल्स मूवमेंट नाम के राजनीतिक दल के शीर्ष नेता थे. वह राज्य के पहले ऐसे विधायक बन गए हैं जिन्हें अयोग्य क़रार दिया गया है.

भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह गौर करना दिलचस्प है कि राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों से जुड़े भाग चार में संविधान के अनुच्छेद 44 में निर्माताओं ने उम्मीद की थी कि राज्य पूरे भारत में समान नागरिक संहिता के लिए प्रयास करेगा. लेकिन आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

दलबदल कानून संविधान की मूल भावना के विपरीत: संविधानविद सुभाष कश्यप

संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने कहा कि कर्नाटक में जो हो रहा है वह भारतीय राजनीति और भारतीय लोकतंत्र का अब तक का सबसे बदनुमा चेहरा है. इसकी जितनी भर्त्सना की जाए वह कम है. इसके लिए सभी दल दोषी हैं.

खान-पान को लेकर भीड़ द्वारा किसी की हत्या, संविधान की हत्या है: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब किसी कार्टूनिस्ट को देशद्रोह के आरोप में जेल में डाला जाता है या धार्मिक इमारत की आलोचना करने पर किसी ब्लॉगर को ज़मानत के बजाय जेल मिलती है, तब संविधान विफल होता है.

मौलिक अधिकारों के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता: मुख्य न्यायाधीश

संविधान दिवस: केंद्रीय क़ानून मंत्री ने कहा, शासन का काम उनके पास रहना चाहिए जो इसके लिए निर्वाचित हुए हों. सीजेआई बोले, नागरिकों का अधिकार सर्वोच्च होना चाहिए.