चुनाव आयोग ने कहा है कि अगले साल असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी में होने वाले चुनावों से इसकी शुरुआत की जा सकती है. एक अनुमान के मुताबिक, विदेशों में क़रीब एक करोड़ भारतीय रहते हैं, जिसमें से 60 लाख लोग वोट देने की उम्र में होंगे, इसलिए चुनाव परिणामों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
एनआरआई की तरह देश के अंदर यहां से वहां जाकर काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों को भी प्रॉक्सी मताधिकार देने के सवाल पर क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि एनआरआई और प्रवासी मज़दूरों की तुलना नहीं की जा सकती. प्रवासी मज़दूर भारत में ही रहते हैं.
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी आचार संहिता केवल नई योजनाओं की घोषणा और उन्हें शुरू करने पर रोक लगाती है ताकि सत्ताधारी पार्टी से मतदाता प्रभावित न हों.