बिहार के आठ जिलों में गुरुवार को आंधी और बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से 26 लोगों की मौत हो गई. वहीं, उत्तर प्रदेश में एक 18 वर्षीय युवती समेत आठ लोगों की मौत हो गई.
बिहार सरकार ने सभी 83 मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य में घटना के शिकार सभी 24 मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की.
सरकारी प्रसारणकर्ता दूरदर्शन तथा आकाशवाणी ने शुक्रवार से अपने प्राइम टाइम समाचार बुलेटिन में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों के मौसम का हाल बताना शुरू कर दिया है.
बिहार में बाढ़ से अब तक मरने वालों की संख्या 123 पहुंची. बिहार में तकरीबन 82 लाख की आबादी और असम में करीब 39 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित. उत्तर प्रदेश में बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 14 लोगों की मौत.
बिहार के 12 ज़िलों में आई बाढ़ से 80 लाख 85 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है, जबकि असम के 19 जिले के 28.01 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं.
राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने से चार और केरल में बारिश से चार व्यक्तियों की मौत. बिहार में बाढ़ से 12 जिलों के 72.78 लाख लोग प्रभावित हैं जबकि असम के 33 जिलों में से 18 में रहने वाले 38.37 लाख लोग प्रभावित हैं.
बिहार में नवादा में बिजली गिरने से सात बच्चों समेत आठ की मौत. राज्य के 12 जिलों में 66.78 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. असम के 33 में से 27 जिलों में 48.87 लाख लोग प्रभावित हैं.
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 45 लाख 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है. असम में 36 लोगों की मौत और करीब 54 लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
बिहार के 12 ज़िलों में आई बाढ़ से 46 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित. असम में 57 लाख से अधिक लोग बाढ़ की वजह से विस्थापित हुए. मेघालय में 1.3 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, मिज़ोरम में पांच हज़ार से ज़्यादा लोग शिविरों में रहने को मजबूर.
केरल में भारी बारिश की संभावना. राज्य के छह ज़िलों में रेड अलर्ट जारी. असम का काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का 90 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न.
देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरु होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा कि साफ तौर पर हम एक ऐसी स्थिति देख रहे हैं जो राष्ट्रीय आपदा में बदल सकती है.
तमिलनाडु और केरल के तटों से 809 मछुआरे नौका के साथ बहकर महाराष्ट्र तट पहुंचे.