इस विचारधारा में स्त्रियों, बच्चों, क़ानून, समाज में बराबरी, सहिष्णुता और सुरक्षा के प्रति कोई सम्मान नहीं है. बाल विवाह केवल लड़कियों के जीवन को संकुचित और दुरूह नहीं बनाता है, लड़कों के जीवन को भी उतना ही प्रताड़ित करता है.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, गुजरात सरकार नहीं हासिल कर सकेगी मृत्युदर कम करने का लक्ष्य