अमेरिकी सरकार के थिंक टैंक फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनीतिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता में गिरावट 2019 में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने के बाद ही तेज़ हो गई थी और न्यायिक स्वतंत्रता भी दबाव में आ गई थी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के पत्र के जवाब में कहा कि धार्मिक आज़ादी से जुड़े मुद्दों के सिलसिले में अमेरिकी आयोग का दल भारत आना चाहता था, लेकिन उन्हें वीज़ा देने से भी मना किया गया क्योंकि उन जैसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार-क्षेत्र हमें नज़र नहीं आता.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्राउनबैक ने दुनियाभर के अल्पसंख्यक समुदाय पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर कहा कि भारत में इस दौरान फ़र्ज़ी ख़बरों के आधार पर मुस्लिमों की प्रताड़ना की कई घटनाएं सामने आई हैं.
विश्वभर में में धार्मिक स्वतंत्रता की निगरानी का ज़िम्मा संभाल रहे अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘खास चिंता वाले देशों’ की सूची में डालने की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि देश में धार्मिक आज़ादी की दशा में बड़ी गिरावट आई है. भारत ने आयोग की आलोचनाओं को पूर्वाग्रह से ग्रसित और पक्षपातपूर्ण कहा है.
ब्रिटिश सिख लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने कहा कि दिल्ली की हिंसा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की दुखद यादों को ताजा कर दिया है, जब वह भारत में पढ़ रहे थे और उनकी साथी सांसद प्रीत कौर गिल ने भी 1984 दंगों का संदर्भ दिया.
दिल्ली दंगों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया देने वाला ईरान चौथा मुस्लिम-बहुल देश बन गया है. इससे पहले इंडोनेशिया, तुर्की और पाकिस्तान पिछले हफ्ते दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हुई हिंसा के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं.
दिल्ली दंगा पर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग, अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स और कई अन्य प्रमुख अमेरिकी सांसदों के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन टिप्पणियों का उद्देश्य मुद्दे का राजनीतिकरण करना है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी दो दिवसीय भारत दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर नज़र रखने वाली एजेंसी यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने नागरिकता क़ानून को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भाजपा के कई नेताओं के बयानों को लेकर गंभीर चिंता जताई है.