कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के दौरान राजकोषीय घाटा 8.51 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरे साल के लिए संशोधित बजट अनुमान 6.34 लाख करोड़ रुपये से 134.2 प्रतिशत अधिक है.
कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के कमज़ोर प्रदर्शन और उपभोक्ता मांग घटने से जीडीपी की रफ़्तार कम हुई है.
रिज़र्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि जब तक राज्य सरकारों का बजट ऋण माफी के लिए राजकोषीय गुंजाइश की अनुमति नहीं देता है, इस प्रकार का क़दम जोख़िमपूर्ण होगा.
उत्तर प्रदेश ही नहीं, दूसरे राज्य भी बैंकों को फ़सली क़र्ज़ माफ़ करने के लिए बॉन्ड (ऋण-पत्र) जारी कर सकते हैं. मगर ये बात सबको मालूम है कि इससे मामला हल नहीं होगा. केंद्र को इन बॉन्डों की गारंटी लेनी ही होगी.