लॉकडाउन: रेल हादसे में मारे गए मज़दूरों के परिजनों को 10 माह बाद भी नहीं मिला मृत्यु प्रमाण पत्र

पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान आठ मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मज़दूरों की एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इनमें से 11 मज़दूर शहडोल ज़िले के थे एवं बाकी उमरिया ज़िले के थे.

क्या बढ़ते रेल हादसों को रोकने का कोई उपाय है?

माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए देश के ट्रैक नेटवर्क का तत्काल बड़े पैमाने पर पुनरुद्धार किए जाने की ज़रूरत है.

मुजफ़्फ़रनगर में 30 लोगों की मौत के बाद रेल मंत्रालय ने कहा, ट्रेन दुर्घटनाओं में कमी आई है

मंत्रालय ने कहा है कि यूपीए सरकार के पहले तीन वर्षों के कार्यकाल में 759 मौतें हुईं, दूसरे कार्यकाल में यह संख्या 938 हो गई. मौजूदा सरकार के पहले तीन वर्षों में यह संख्या 652 है.