सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश उस याचिका पर दिया, जिसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच प्रवासी बच्चों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए और सबसे संवेदनशील स्थिति में हैं.
इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले साल कोविड-19 पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों की मौत के बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं है.
केंद्र सरकार की आर्थिक और मजदूर विरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ मज़दूर संगठनों के आह्वान पर गुरुवार को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का विभिन्न हिस्सों में व्यापक असर देखने को मिला. इससे अलग वितरण कंपनियों के निजीकरण के ख़िलाफ़ बिजली कर्मचारियों ने भी देशभर में प्रदर्शन किया. आरएसएस से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ विरोध में शामिल नहीं रहा.
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकतम कार्यदिवस को बढ़ाने से कामगारों पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है. आशंका है कि अगर यह प्रस्ताव नियोक्ताओं को तीन पालियों के स्थान पर दो पालियों में काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा तो रोजगार की संख्या में भी गिरावट हो सकती है.
बीते हफ़्ते लोकसभा में श्रम सुधारों को लेकर तीन विधेयक पेश किए गए हैं, जिसमें कर्मचारियों के आचरण, उन्हें मिलने वाली सुविधाओं, हड़ताल पर जाने, अप्रवासी श्रमिकों और नियोक्ता के अधिकारों जैसे कई बदलाव प्रस्तावित हैं. विपक्ष द्वारा इन्हें लेकर सवाल उठाए गए हैं.
मज़दूरी संहिता विधेयक, 2019 में मज़दूरी, बोनस और उससे जुड़े मामलों से जुड़े क़ानून को संशोधित और एकीकृत किया गया है. राज्यसभा ने इसे दो अगस्त 2019 और लोकसभा ने 30 जुलाई, 2019 को पारित कर दिया था.
बसपा सांसद दानिश अली के सवाल पर श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने बीते 25 नवंबर 2019 को लोकसभा में ये जानकारी दी.
भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
संगठनों का कहना है कि प्रस्तावित इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड के ज़रिये सरकार मज़दूरों के हड़ताल और विरोध करने के बुनियादी अधिकारों को छीनना चाहती है.