भारत एक सांस्कृतिक इकाई है. बावजूद भिन्न भाषाओं, पहनावों और खानपान के हम सब मूर्खता के एक सूत्र में बंधे हैं. राष्ट्रीय एकता का यह प्रदर्शन और प्रमाण दिल को तसल्ली देता है.
निर्माता-निर्देशक गांधी ने कहा, समाज के विभिन्न वर्गों से रचनात्मक लोगों को जिस तरह धमकियां मिल रही हैं, उससे रचनात्मक स्वतंत्रता ख़तरे में है.