मामला बिहार में 2007 के बाद से हुई साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियों से संबंधित है. सतर्कता विभाग 2014 से फ़र्ज़ी डिग्री के आधार पर नियुक्तियों के आरोपों की जांच कर रहा है. अब तक राज्य का शिक्षा विभाग 1,10,418 शिक्षकों का विवरण देने में विफल रहा है.