डब्ल्यूएचओ और एम्स के ताज़ा सीरो प्रिवलेंस अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 की सीरो पॉजिटिविटी दर वयस्क आबादी की तुलना में बच्चों में अधिक है इसलिए ऐसी संभावना नहीं है कि भविष्य में कोविड-19 का मौजूदा स्वरूप दो साल और इससे अधिक उम्र के बच्चों को तुलनात्मक रूप से अधिक प्रभावित करेगा.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 अप्रैल तक 13,614 नमूनों की जांच संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए 10 नामित आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में में की गई. इनमें से 1,189 नमूने सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमित पाए गए. जिनमें ब्रिटिश स्वरूप के 1,109 नमूने, दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के 79 नमूने और ब्राजीलियाई स्वरूप का एक नमूने शामिल हैं.