अक्तूबर 2020 में न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने आज तक को सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उनके कुछ ट्वीट को लेकर की गई ग़लत रिपोर्टिंग का दोषी मानते हुए माफ़ीनामा और जुर्माना देने को कहा था. चैनल ने इसे लेकर समीक्षा याचिका दायर की थी, जिसे खारिज़ करते हुए अथॉरिटी ने इस आदेश को बरक़रार रखा है.
बीते साल 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मुंबई स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे. मामले की जांच के दौरान बॉलीवुड में ड्रग्स खरीदने और उसके इस्तेमाल का भी खुलासा होने के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मामले की जांच के दौरान सितंबर 2020 में कई दिनों की पूछताछ के बाद अभिनेता की गर्लफ्रेंड रह चुकीं रिया चक्रवर्ती को गिरफ़्तार किया था.
नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शनिवार सुबह कॉमेडियन भारती सिंह के घर पर तलाशी के दौरान गांजा मिलने के बाद उन्हें और उनके पति हर्ष लिंबचिया को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. ब्यूरो की यह जांच अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में मादक पदार्थों के कथित उपयोग की जांच का विस्तार है.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में मीडिया कवरेज और मीडिया ट्रायल को लेकर दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. सीबीआई ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसियों ने मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी मीडिया में लीक नहीं की थी.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में प्रसारण दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रम और टैगलाइन्स दिखाने को लेकर आज तक समेत ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 24 को माफ़ी मांगने को कहा है.
अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में बीते 8 सितंबर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार किया गया था. मामले में रिया के भाई शौविक चक्रवर्ती और एक अन्य की ज़मानत याचिकाएं ख़ारिज कर दी गई हैं.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के दौरान सामने आए ड्रग्स मामले की जांच नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) कर रही है. बीते आठ सितंबर को एनसीबी ने अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को गिरफ़्तार किया था. अपनी ज़मानत याचिका रिया ने कहा है कि वह निर्दोष हैं और विच-हंट का शिकार हुई हैं.
मीडिया के पास कुछ हद तक जनमत निर्माण की ताक़त हमेशा से थी, मगर उसकी एक सीमा थी, उनके द्वारा उठाए मुद्दे में कुछ दम होना ज़रूरी होता था. आज हाल यह है कि मीडिया में भारत-चीन सीमा विवाद से ज़्यादा तवज्जो कंगना रनौत विवाद को दी जा रही है.
मध्यकालीन यूरोप में स्त्रियों को जादूगरनी बताकर ‘विच ट्रायल’ हुआ करते थे, जिनके बाद पचासों हज़ार स्त्रियों को खंभे से बांधकर जीवित जला दिया गया था. उस समय यंत्रणा देकर सभी स्त्रियों से अपराध स्वीकृति करवा ली जाती थी. रिया का भी ‘मीडिया ट्रायल’ नहीं हुआ है, ‘विच ट्रायल’ हुआ है.
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और आठ सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि कई समाचार चैनल अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में समानांतर जांच (मीडिया ट्रायल) चला रहे हैं और ख़बरों के ज़रिये मुंबई पुलिस के ख़िलाफ़ द्वेषपूर्ण अभियान चला रहे हैं.
सत्र अदालत में दायर ज़मानत याचिका में रिया ने कहा है कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया और उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया कि रिया से एनसीबी पूछताछ के दौरान वहां कोई महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में सामने आए ड्रग्स ख़रीद मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो रिया के छोटे भाई शौविक चक्रवर्ती, सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा और निजी स्टाफ सदस्य दीपेश सावंत को भी गिरफ़्तार कर चुका है.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहे हैं और तीनों ही केंद्र सरकार के अधीन हैं. केंद्र और बिहार में एनडीए की ही सरकार है. ऐसे में सवाल है कि ‘जस्टिस फॉर सुशांत सिंह राजपूत’ हैशटैग चलाकर बिहार में भाजपा जस्टिस किससे मांग रही है?
महाराष्ट्र के आठ पूर्व पुलिस अधिकारियों ने हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में चल रहे 'मीडिया ट्रायल' के ख़िलाफ़ आदेश देने की मांग की है. उनका कहना है कि टीवी चैनलों का एक वर्ग पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग से एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है.
वीडियो: भारतीय टीवी चैनलों पर सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को लेकर अटकलबाज़ी आधारित कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और युवा शोध छात्रा आकृति भाटिया से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.