केंद्र सरकार ने अपनी संपत्तियों की बिक्री कर ढाई लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना तैयार की है, जिसके तहत वह पहले से निजीकृत इन हवाई अड्डों में अपनी शेष हिस्सेदारी भी बेचना चाह रही है. इसके अलावा 13 अन्य हवाई अड्डों के निजीकरण की भी तैयारी है.
श्रमिक संगठनों ने ने संयुक्त बयान में कहा है कि एक ही कारोबार इकाई को हवाई अड्डों का ठेका देने से एकाधिकार बढ़ेगा. इस साल अब तक 12 हवाई अड्डों के निजीकरण के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार मुहर लग चुकी है. इनमें से अधिकांश हवाई अड्डों को पट्टे पर अडाणी समूह को दिया गया है.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की विभिन्न यूनियनों के समूह ने कहा कि विरोध प्रदर्शन छह सितंबर तक चलेगा. सरकार ने लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाई अड्डों को विकसित और उनका प्रबंधन करने का ठेका अडानी समूह को दे दिया है.
सरकारी-निजी भागीदारी के तहत इस साल फरवरी ने सबसे ऊंची बोली लगाकर अडानी समूह ने लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलुरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी के हवाई अड्डों को ठेका लिया था.