हिंदुओं को एक होना होगा, भारत की ज़िम्मेदारी हम पर है: मोहन भागवत

मेरठ में हुए राष्ट्रोदय समागम में सभी हिंदुओं से साथ आने का आह्वान करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि संपूर्ण समाज को स्वयंसेवक बनना होगा.

अंग्रेज़ों से माफ़ी मांगने वाले सावरकर ‘वीर’ कैसे हो गए?

सावरकर ने अंग्रेज़ों को सौंपे अपने माफ़ीनामे में लिखा था, ‘अगर सरकार अपनी असीम भलमनसाहत और दयालुता में मुझे रिहा करती है, मैं यक़ीन दिलाता हूं कि मैं संविधानवादी विकास का सबसे कट्टर समर्थक रहूंगा और अंग्रेज़ी सरकार के प्रति वफ़ादार रहूंगा.’

ताजमहल को मंदिर में बदलने से पहले भाजपा को अपने गुरु मुखर्जी को याद कर लेना चाहिए

अगर विनय कटियार और उन जैसे बेरोजगार बैठे दूसरे भाजपा नेताओं ने अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पढ़ा होता तो बैसिर-पैर के दावे नहीं करते.

मैं हिंदू विरोधी नहीं, मोदी-शाह विरोधी हूं: प्रकाश राज

लोकप्रिय दक्षिण भारतीय फिल्म कलाकार ने हैदराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हत्या का पक्ष लेने वाला व्यक्ति हिंदू नहीं हो सकता.

अन्य संस्कृतियों के प्रति अज्ञानता कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा देती है: नोबेल पुरस्कार विजेता

भारत आए नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर डेविड जोनाथन ग्रॉस ने कहा कि कट्टर राष्ट्रवाद के माहौल में ज्ञान की ज्योति जलाने की ज़िम्मेदारी युवाओं पर है.

अब लखनऊ का क़ैसरबाग़ थाना हुआ भगवा, भाकपा नेता ने कहा- सांप्रदायिक माहौल ख़राब न करें योगी

अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने कहा कि भगवा सकारात्मकता का प्रतीक है. यह भगवान का तोहफ़ा है.

क्या भारत की राजनीति ने अपना धर्म चुन लिया है?

कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.

साल 2018 में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान से हटाए बिना ही चलन से बाहर कर दिया जाएगा

नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.

धर्म की बेलगाम राजनीति रोकी नहीं गई तो हिंदुओं में भी हाफ़िज़ सईद पैदा होंगे: प्रकाश आंबेडकर

बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को याद करने वाले किस आधार पर ‘देशद्रोही’ सिद्ध किए जा रहे हैं?

जो लोग भीमा-कोरेगांव युद्ध की याद में आयोजित समारोह के आयोजकों को राष्ट्रद्रोही सिद्ध कर रहे हैं वो यह क्यों छुपा ले जाते हैं कि न जाने कितनी बार मराठों ने भी अंग्रेज़ों के साथ मिलकर अन्य राज्यों के ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी हैं.

भीमा-कोरेगांव युद्ध को सिर्फ़ जाति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए

जब आंबेडकर ने भीमा कोरेगांव युद्ध को पेशवाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महारों के संघर्ष के रूप में पेश किया, तब वे असल में एक मिथक रच रहे थे.

इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना अलग तरीके का आतंक है: इतिहासकार

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इतिहासकार केएम श्रीमाली ने आरोप लगाया कि संघ और भाजपा धार्मिक आधारों पर देश को बांटने के लिए प्रतिबद्ध है.

‘आप इतिहास नहीं बदल सकते, तथ्यों को सृजित करेंगे तो वह इतिहास नहीं कल्पना होगी’

इतिहासकार इरफान हबीब की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्षी दल, भाजपा एवं संघ पर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाने के लिए भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं.