जन गण मन की बात की 50वीं कड़ी में विनोद दुआ कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फ़ैसले और कश्मीर में हुई लेफ़्टिनेंट उमर फ़याज़ की हत्या पर चर्चा कर रहे हैं.
शहर की भीड़ हर रोज़ और बढ़ रही है. गांव को अपने भीतर लील रही है. इंसान का ही रहना यहां मुहाल है. गाय को बचाने का तो बस बवाल है.
इतिहासकार सुधीर चंद्र ने अपनी किताब ‘गांधी: एक असंभव संभावना ‘में गांधी के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह जम्मू कश्मीर में पथराव करने वाली भीड़ से निपटने के लिए पैलेट गनों की बजाय अन्य प्रभावी तरीकों का प्रयोग करे क्योंंकि यह ज़िंदगी और मौत का मामला है.
हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा ऐसे माहौल में समाज में सांप्रदायिक भय खड़ा करता है. हिंसा का भय 1984 के चुनाव में राजीव गांधी के रणनीतिकारों ने भी खड़ा किया था. तब राजीव गांधी ने भी जीत का कीर्तिमान बनाया था. यह कीर्तिमान अब मोदी-शाह ने बनाया है.