महाराष्ट्र: 24 घंटों में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सकी शिवसेना, एनसीपी को मिला न्योता

शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को ही एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दे दिया. सरकार गठन को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में अभी भी बातचीत जारी है.

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Nagpur: NCP chief Sharad Pawar during a campaign in support of Congress-NCP candidate Vijay Ghormade (unseen) ahead of Maharashtra Assembly polls at Butibori near Nagpur of Maharashtra, Thursday, Oct. 10, 2019. (PTI Photo)(PTI10_10_2019_000272B)

शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को ही एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दे दिया. सरकार गठन को लेकर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी में अभी भी बातचीत जारी है.

Nagpur: NCP chief Sharad Pawar during a campaign in support of Congress-NCP candidate Vijay Ghormade (unseen) ahead of Maharashtra Assembly polls at Butibori near Nagpur of Maharashtra, Thursday, Oct. 10, 2019. (PTI Photo)(PTI10_10_2019_000272B)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार. (फोटो: पीटीआई)

मुंबई/ नई दिल्ली: शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गई हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी.

आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों का एक दल सोमवार शाम राज्यपाल से मिला और उनसे बाकी प्रक्रियाओं को पूरा कर सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए तीन दिन की मोहलत की मांग की. हालांकि, राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया.

सरकार गठन के लिए गतिरोध 18वें दिन भी जारी रहा और राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ रहे हैं. कांग्रेस वैचारिक रूप से अपनी प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साथ समझौते का कोई फैसला जल्दबाजी में लेती प्रतीत नहीं हुई और उसने शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर चुनाव पूर्व की अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ आगे और बातचीत करने का फैसला किया है.

शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार रात को ही एनसीपी को न्योता दिया और पूछा कि क्या वह ‘सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता’ प्रदर्शित करना चाहती है. उन्होंने सोमवार रात को ही एनसीपी को राजभवन में आमंत्रित किया जो राज्य में तीसरा सबसे बड़ा दल है.

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और वे मंगलवार रात 8:30 बजे तक कोश्यारी से मिलेंगे.

पाटिल ने कहा, ‘प्रक्रिया के अनुसार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते हमें एक पत्र दिया है और हमने उन्हें सुझाव दिया है कि हमें अपने सहयोगी दल से बात करनी होगी. हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम जल्द से जल्द उनके पास लौटेंगे.’

एनसीपी विधायक दल के नेता अजीत पवार और पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल तथा धनंजय मुंडे भी पाटिल के साथ इस मौके पर थे.

इस बीच, मंगलवार की सुबह महाराष्ट्र कांग्रेस नेता कगडा चंड्या पादवी ने कहा, प्रक्रिया अभी भी जारी है लेकिन अंतिम परिणाम सकारात्मक होगा. व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि तीनों दल (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) सरकार बनाएंगे और शिवसेना का नेता मुख्यमंत्री बनेगा.

वहीं, एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा, जो भी फैसला लिया जाएगा वह सर्वसम्मति से लिया जाएगा. कल हम कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहे थे लेकिन वह नहीं आया. हम अकेले इसका फैसला नहीं कर सकते हैं. इसमें कोई दोराय नहीं है कि हम साथ लड़े थे और एक साथ हैं.

शिवसेना के साथ सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस की ओर से देरी किए जाने के सवाल पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं कांग्रेस से बात करुंगा. हालांकि, कांग्रेस के साथ कोई बैठक तय होने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘किसने कहा कि कोई बैठक है? मुझे जानकारी नहीं है.’

इस बीच, शरद पवार ने सीने में दर्द की शिकायत के कारण सोमवार से मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती शिवसेना सांसद संजय राउत से मुलाकात की.

इससे पहले, राज्यपाल ने रविवार रात शिवसेना को न्योता देकर उनसे पूछा था कि क्या वह सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता जाहिर करना चाहते हैं. गौरतलब है कि उसके कुछ ही घंटे पहले शिवसेना के गठबंधन सहयोगी और सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार कर दिया था.

राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था. इससे पहले दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. एनसीपी के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं.

विभिन्न घटनाक्रम के बीच उद्धव ठाकरे ने मुंबई के एक होटल में पवार से मुलाकात की. कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के एक रिसॉर्ट में रखा है.

मुंबई में राजभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार बनाने का उनकी पार्टी का दावा अब भी कायम है क्योंकि दोनों दलों (कांग्रेस और एनसीपी) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है. उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी का नाम नहीं लिया.

आदित्य ने कहा, ‘हमने सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने की अपनी इच्छा के बारे में महाराष्ट्र के राज्यपाल को सूचित किया. शिवसेना विधायक पहले ही लिखित में अपना समर्थन जता चुके हैं.’

आदित्य ठाकरे ने कहा कि दोनों दलों (कांग्रेस और एनसीपी) ने पार्टी नीत सरकार को समर्थन देने की सैद्धांतिक सहमति जताई है, लेकिन राज्यपाल ने संख्याबल जुटाने के लिए उनकी पार्टी के और वक्त मांगने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है.

राजभवन की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार बनाने को लेकर अपनी इच्छा प्रकट की. उन्होंने समय सीमा तीन दिन और बढ़ाने का अनुरोध करते हुए पत्र दिया था. इसमें कहा गया, ‘राज्यपाल ने और समय देने में असमर्थता प्रकट की.’

सरकार बनाने के लिये शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने सोमवार को फैसला किया कि वह अपनी सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से और बातचीत करेगी.

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने शरद पवार से बात की है. पार्टी एनसीपी से और चर्चा करेगी.’ दो महत्वपूर्ण बैठकों के बाद पार्टी के सर्वोच्च नेताओं ने इस बात को तरजीह दी कि राज्य में मौजूदा सियासी गतिरोध को देखते हुए एनसीपी से विस्तृत चर्चा की जाए.

वेणुगोपाल ने बताया, ‘सरकार गठन को लेकर शिवसेना को कोई समर्थन पत्र नहीं सौंपा गया है। कांग्रेस ने सरकार गठन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं किया है.’

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता मंगलवार को सुबह दस बजे सोनिया के निवास पर बैठक कर इस मुद्दे पर फिर विचार विमर्श करेंगे.

ठाकरे और सोनिया के बीच हुई टेलीफोन वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह शिष्टाचार वश की गयी बातचीत थी. उन्होंने कहा कि सरकार गठन को लेकर कोई वचन नहीं दिया गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने महाराष्ट्र में शिवसेना को सरकार बनाने के लिये समर्थन देने के मुद्दे पर देर शाम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि मंगलवार को इस बारे में राकांपा नेताओं के साथ मुंबई में विस्तृत विचार विमर्श के बाद कोई फैसला किया जायेगा.

सूत्रों के अनुसार पार्टी में एक वर्ग शिवसेना के नेतृत्व में सरकार को समर्थन देने के पक्ष में नहीं क्योंकि विचारधारा के मामले में दोनों धुर विरोधी राजनीतिक दल हैं. इस वर्ग का मानना है कि समर्थन देने से कांग्रेस की चुनावी संभावनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं क्योंकि शिवसेना धुर दक्षिणपंथी पार्टी है.

सूत्रों ने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फोन पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से बातचीत कर उनकी पार्टी का समर्थन मांगा. हालांकि इसे लेकर सोनिया ने कोई वचन नहीं दिया.

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच, केंद्र में भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार से इस्तीफा दे दिया और भाजपा पर राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी के लिए तय फार्मूले से मुकरने का आरोप लगाया.

उनका इस्तीफा ऐसे वक्त पर हुआ जब पवार ने कहा था कि शिवसेना को सबसे पहले एनडीए से अपना नाता तोड़ना होगा ताकि उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देने पर फैसला कर सके.

सावंत ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने विधानसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था. इसमें कुछ चीजों पर सहमति बनी थी.’ उन्होंने कहा कि इसमें मुख्यमंत्री पद सहित सीटों के 50-50 के अनुपात में बंटवारे का फार्मूला तय हुआ था लेकिन भाजपा अब इससे इनकार कर रही है.

शिवसेना नेता ने कहा कि वे इस झूठ से आहत हैं और अब उनके बीच कोई विश्वास नहीं बचा. उन्होंने कहा, ‘चूंकि अब कोई विश्वास नहीं बचा है, इसलिये मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना इस्तीफा भेज दिया है . ’

यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना एनडीए से अलग हो गई है, सावंत ने कहा, ‘जब मैंने इस्तीफा दे दिया है तो आप समझ सकते हैं कि इसका क्या अर्थ है.’

एनसीपी ने कहा है कि वह अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ बातचीत कर तय करेगी कि शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दिया जाए या नहीं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)