सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री बताया कि सरकार द्वारा कार्यकाल बढ़ाए जाने संबंधी अधिसूचना वापस ले ली गई है और उच्चतम न्यायालय की चिंताओं को दूर करने के लिए क़दम उठाया गया है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के कार्यकाल को तीन वर्ष के लिए और बढ़ाने संबंधी अधिसूचना पर मंगलवार को यह कहते हुए रोक लगा दी कि इसमें उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.
इस फैसले पाकिस्तान की इमरान ख़ान सरकार को झटका लगा, क्योंकि उन्होंने बीते 19 अगस्त को क्षेत्रीय सुरक्षा माहौल का हवाला देते हुए बाजवा को तीन साल का दूसरा कार्यकाल दिया था.
यह फैसला बाजवा की 29 नवंबर को होने जा रही सेवानिवृत्ति से ठीक पहले आया है. बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने के पाकिस्तान सरकार के फैसले के खिलाफ रईज़ राही नाम के शख्स में याचिका दाखिल की थी.
बुधवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा, जस्टिस मियां मज़हर आलम ख़ान मियांखेल और जस्टिस सईद मंसूर अली शाह ने इस मामले की सुनवाई की.
जियो न्यूज ने मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा के हवाले से बताया, ‘यह पूरी प्रक्रिया ही उल्टी थी. पहले मंत्रिमंडल से मंजूरी लेनी थी, उसके बाद प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति को इस पर सलाह देनी चाहिए थी.’
सुप्रीम कोर्ट में जनरल बाजवा का पक्ष पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री फारोग नसीम ने रखा. इसके लिए मंगलवार को फ़ारोग नसीम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, ताकि वह बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में सरकार का प्रतिनिधित्व कर सकें.
इस घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने तत्काल मंत्रिमंडल की बैठक की और जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने वाली अधिसूचना वापस ले ली.
इसके बाद शिक्षा मंत्री शफकात महमूद ने पत्रकारों को बताया कि जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाए जाने संबंधी अधिसूचना वापस ले ली गई है और उच्चतम न्यायालय की चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाया गया है.
जनरल बाजवा 29 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. नवंबर 2016 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने जनरल बावजा को पाकिस्तानी सेना का प्रमुख नियुक्त किया था. पाकिस्तान की वेबसाइट द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री युसूफ़ रज़ा गिलानी ने तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी से सलाह लेकर उस समय पाकिस्तानी सेना के प्रमुख रहे जनरल अशफ़ाक़ परवेज़ कयानी का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए बढ़ा दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)