उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में अब तक 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों में उत्तर प्रदेश में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 879 लोगों को गिरपफ्तार किया गया है, कुल 135 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. मरने वालों में एक आठ साल का बच्चा भी शामिल है.
UP DGP, OP Singh: 879 people have been arrested and preventive action was taken against around 5,000 people across the state. 135 criminal cases have been registered so far and 288 police personnel have received injuries. 15 casualties have happened. #CitizenshipAmendmentAct https://t.co/aaEyDlqoyD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 22, 2019
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को ये जानकारी दी है. इस बीच सिंह ने कहा, ‘हमें पता चला है कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता यहां (लखनऊ) आना चाह रहे हैं. हम इसकी इजाजत नहीं देंगे क्योंकि क्षेत्र में धारा 144 लगी हुई है और इससे माहौल और खराब होगा.’
इससे पहले अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मेरठ जिले से चार लोगों की मौत की खबर है. कानपुर और बिजनौर में दो-दो लोगों की मौत हुई है.
वाराणसी में भगदड़ में आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई. संभल और फिरोजाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है .चार दिन की शांति के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के परिसर में शनिवार को फिर विरोध प्रदर्शन हुए. एएमयू के गैर शैक्षणिक स्टाफ के सैकडों लोगों ने एएमयू शिक्षक संघ के साथ मिलकर प्रदर्शन किया.
उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि उन्होंने इन प्रदर्शनों के दौरान कोई फायरिंग नहीं की है और ये मौतें उनकी गोली से नहीं हुई है. हालांकि कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, जिसमें पुलिस को फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक कानपुर के कुछ वीडियो सामने आए हैं जहां पुलिस फायरिंग करती हुई दिख रही है. फायरिंग की ये तस्वीरें कानपुर यतीमखाना चौराहे की हैं.
वहीं उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में कल रात तक के लिए इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य के अन्य हिस्सों में भी समय-समय पर इस तरह के बैन लगाए जा रहे हैं, जिसकी लोग काफी आलोचना हो रही है.
Firozabad: Narrow escape for Police Constable Vijendra Kumar after a bullet pierced his bullet proof vest and got stuck in his wallet that was kept in his jacket's front pocket. He says 'It happened yesterday during the protests, I really feel like this is my second life.' pic.twitter.com/XlnkXqZX61
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 22, 2019
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 के विरोध में देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
इस कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन कानून में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया था.