यूपी: यमुना एक्सप्रेसवे घोटाले की सीबीआई जांच शुरू, पूर्व सीईओ व 20 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसे प्राधिकरण को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को 126 करोड़ का नुकसान हुआ.

(फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसे प्राधिकरण को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को 126 करोड़ का नुकसान हुआ.

सीबीआई मुख्यालय (फोटो: पीटीआई)
सीबीआई मुख्यालय (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 126 करोड़ के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भूमि घोटाला मामले की जांच का जिम्मा संभाल लिया है और एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और 20 अन्य को नामजद किया है.

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि प्रक्रिया के अनुरूप एजेंसी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी फिर से पंजीकृत की जिसमें आरोप लगाया गया है कि यीडा ने ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाले 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के आसपास विकास गतिविधियों के लिए मथुरा के सात गांवों में 57.15 हेक्टेयर भूमि के लिए 85.49 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 165 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की शुरुआत 2009 में की थी और उनके बाद सत्ता संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012 में इसका उद्घाटन किया था.

पुलिस ने आरोप लगाया था कि गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत सबसे पहले किसानों से जमीन खरीदी और बाद में इसकी खरीद के चार से छह महीनों के भीतर इसे यीडा को बेच दिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.

यीडा ने अपनी आंतरिक जांच में सरकारी खजाने को 126 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया था, लेकिन प्राथमिकी में 85.49 करोड़ रुपये के भुगतान का जिक्र किया गया है. गुप्ता 2013-15 के दौरान सीईओ थे. वह यीडा में अतिरिक्त सीईओ और डिप्टी सीईओ के पद पर भी रहे थे.

पुलिस रिपोर्ट अब सीबीआई की प्राथमिकी का हिस्सा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि गुप्ता के रिश्तेदारों और करीब ने मुखौटा कंपनियों के जरिये सस्ती दरों पर कथित तौर पर जमीन खरीदी और इसे उसके खरीद मूल्य से दोगुना से अधिक मूल्य पर यीडा को बेच दिया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ.

भूमि 2013-2015 के दौरान उस समय खरीदी गई थी जब समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश की सत्ता में थी.

राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 24 जुलाई को इसकी जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने 15 महीनों के बाद 24 अक्टूबर को इसकी जांच एजेंसी को सौंप दी थी.

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंगलवार की अपराह्र आपराधिक साजिश तथा धोखाधड़ी के आरोपों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

पिछले हफ्ते यीडा ने कंपनी द्वारा बकाया भुगतान नहीं करने के बाद एक्सप्रेसवे से लगी बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) के लिए जेपी ग्रुप को दी जाने वाली 1,000 हेक्टेयर भूमि का आवंटन रद्द कर दिया था. भारत का पहला और एकमात्र एफ-1 ट्रैक इस भूमि पर यीडा के विशेष आर्थिक क्षेत्र के हिस्से के रूप में स्थित है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)