उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई युद्धस्तर पर कराने की बात कही.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर में कार्यक्रम के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई युद्धस्तर पर कराने की बात कही.
योगी आदित्यनाथ शनिवार दोपहर राजकीय जुबली इंटर कॉलेज परिसर में 185 करोड़ की 20 परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम में उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने पर सख्ती बरतने की बार-बार बात कही. उन्होंने शिक्षण संस्थाओं में ‘भारत के खिलाफ षड्यंत्र’ को रोकने का भी आह्वान किया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पब्लिक प्रापर्टी किसी सरकार या किसी व्यक्ति की नहीं होती है. इसकी सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है. हमने देखा कि किस तरह पब्लिक प्रापर्टी को आग के हवाले किया गया. हम सबके लिए यह एक चेतावनी है. हमें कॉलेज, विश्वविद्यालयों, तकनीकी संस्थाओं के छात्र-छात्राओं, स्कॉलर को इस काननू से अवगत कराना होगा और उनसे अपेक्षा होगी कि वे समाज को इससे अवगत कराए.’
उन्होंने कहा, ‘नागरिकता कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में प्रताड़ित होकर भारत में शरण लिए लोगों को नागरिकता देने का कानून है. इसके बावजूद नागरिकता कानून के नाम पर गुमराह कर आगजनी, तोड़फोड़ करने और सड़क पर उपद्रव का प्रयास सफल नहीं होने दिया जााएगा. इसलिए सरकार ने तय किया कि यदि आपने पब्लिक प्रापर्टी को हाथ लगाया है तो आपको ही उसकी भरपाई करनी पड़ेगी. पब्लिक प्रापर्टी की भरपाई युद्ध स्तर पर प्रारंभ है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने चेहरों को चिह्नित करने का काम किया है कि समाज में कौन नकारात्मक तत्व है. सुधरेंगे तो अच्छी बात है नहीं तो स्वाभावित रूप से जहां की यात्रा करनी है वहां की यात्रा करा दी जाएगी.’
उन्होंने कहा कि नकारात्मकता से किसी का भी भला नहीं होता. हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक के जीवन में सुख-समृद्धि लाने और देश को दुनिया की महाशक्ति बनाने के लिए कार्य कर रही है. यह जिम्मेदारी हम सबकी होनी चाहिए. हम चेहरा देखकर भेदभाव नहीं कर रहे. हमारी सरकार जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा, चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ नहीं देते.
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, ‘कानून के नजरिये से सबके साथ समान व्यवहार हो रहा है. ऐसे में देश में बनने वाले कानून के नाम पर प्रापर्टी को जलाने की इजाजत नहीं दी जा सकती. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान न पहुंचने दें.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बीच के कालखंड में देखा गया कि कुछ शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों में विदेशी जूठन पर पलने वाले लोग भारत के खिलाफ साजिश करते हैं. ये भारत की जनता के टैक्स पर पलते हैं और भारत के खिलाफ नारेबाजी करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे शिक्षण संस्थानों में इस तरह की शिकायतें आई हैं. इन संस्थानों ने भारत विरोधी मुहिम चलाना ही अपना युगधर्म समझ लिया गया है. कोई भी अच्छा काम होता है, देश हित में कानून बनता है जो भारत के पैसे पर पलने वाले, आगे बढ़ने वाले षड्यंत्र करते हैं. इसकी इजाजत ऐसे सिरफिरे लोगों को नहीं देनी होगी.’
मुख्यमंत्री ने आईटीआई में नई ट्रेड विकसित करने की वकालत करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश में हर घर नल योजना शुरू की गई है.
उन्होंने कहा कि गोरखपुर में हर घर में पाइप लाइन से गैस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. ऐसे में बड़ी संख्या में पलंबरों की आवश्यकता होगी. आईटीआई और कौशल विकास केंद्रों से पलंबरिंग का नया ट्रेड लाना होगा. प्रशिक्षत युवाओं को इस कार्य में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. हर घर नल योजना से हर गांव में एक पलंबर को रोजगार, नौकरी का अवसर मिल सकता है.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हिंसा की विभिन्न घटनाओं में अब तक 21 लोगों की मौत हुई है. बीते 26 दिसंबर को पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 गोली लगने से जख्मी हुए हैं. उन्होंने बताया कि 327 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 5,558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है.
इसके अलावा सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट के संबंध में 124 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर 19 हज़ार से ज़्यादा प्रोफाइल ब्लॉक किए गए.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, उनसे बदला लिया जाएगा. नुकसान की भरपाई की जाएगी.
(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)