उत्तर प्रदेश के मऊ की घोसी सीट पर हुए उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की जीत में स्थानीय समीकरणों के साथ-साथ भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की दलबदलू, घोसी का बाहरी और निष्क्रिय जनप्रतिनिधि की छवि ने बड़ी भूमिका निभाई है, फिर भी लोकसभा चुनाव के पहले यह चुनाव विपक्ष के इंडिया गठबंधन बनाम भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए की शक्ति परीक्षण का मैदान बन गया था और इसमें ‘इंडिया’ को सफलता मिली है.
घोसी उपचुनाव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफ़े के कारण हो रहा है. चौहान उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी हैं. सपा ने यहां से दो बार विधायक रहे सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है. ग़रीबों के लिए काम और विकास की दुहाई, हिंदुत्व और बुलडोज़र की शौर्यगाथा पर दलबदलू और बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे ने भाजपा की लड़ाई को कठिन बना दिया है.
कहा जा रहा है कि अमरमणि त्रिपाठी को भाजपा विशेषकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘अपने ब्राह्मण चेहरे’ के बतौर आगे करेंगे. हालांकि भाजपा का उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे पर उसे खूब घेरेगा. बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप के बाद अब कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के सज़ायाफ़्ता रहे अमरमणि को आगे लाने का दांव उल्टा भी पड़ सकता है.
बीते दिनों पांच बार विधायक रहे अजय राय को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस जब से सत्ता से बाहर हुई है, उसका ग्राफ गिरता ही गया है. ऐसे समय और स्थिति में अजय राय यूपी कांग्रेस को कैसे संभालेंगे और आगे ले जाएंगे, यह बड़ा सवाल है.
भाजपा सरकार ने 2017 और 2022 के चुनाव में वादा किया था कि वह 14 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित करेगी. अब विधानसभा में ख़ुद सरकार ने बताया कि 22 मार्च 2023 तक प्रदेश की चीनी मिलों पर पेराई सत्र का 7,366.89 करोड़ बकाया था, जो 24 जुलाई 2023 को 5,664 करोड़ रुपये रह गया.
कुशीनगर की कप्तानगंज चीनी मिल 77 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान न करने के चलते सील कर दिया गया है, जिसके चलते इसके इस वर्ष चलने की संभावना नहीं है. बकाया भुगतान के कारण ही मिल पिछले सत्र में भी नहीं चली थी.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से चार बार विधायक रहे राज्यसभा सदस्य डाॅ. राधा मोहन दास अग्रवाल को भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है. यहीं से पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ल को इसी साल हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क़रीबी नहीं रहे हैं, ऐसे में उनकी तरक्की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में ‘निषाद महाकुंभ’ का आयोजन भाजपा नेता जय प्रकाश निषाद द्वारा किया जा रहा है. इस आयोजन ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल भाजपा और निषाद पार्टी के बीच की खींचतान को एक बार फिर सबके सामने लाकर रख दिया है.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी से जुड़े छात्र फीस वृद्धि समेत मुद्दों पर चार दिन से प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि शुक्रवार को उन्होंने कुलसचिव प्रोफेसर अजय सिंह को गिराकर मारा और कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के साथ बदसलूकी की. उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई.
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के बावजूद राज्य सरकार तब जागी, जब बड़ी संख्या में लोगों की मौत मीडिया के ज़रिये सामने आई. सरकार ने लू के कारण कोई भी मौत होने की बात से इनकार किया है और साल 2017 में हुए गोरखपुर के ऑक्सीजन त्रासदी के बाद अपनाई गई ‘इनकार नीति’ पर चल रही है.
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का बीते 16 मई को निधन हो गया. अस्थिर सरकारों के दौर में तिवारी 1996 से 2007 तक लगातार कैबिनेट मंत्री रहे थे.
विशेष रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में स्थित कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य का मामला. वन अधिकार क़ानून लागू होने के 16 वर्ष बाद भी अभयारण्य के तहत आने वाले पांच वन ग्रामों को ही अब तक राजस्व गांव बनाया जा सका है और सिर्फ़ 273 लोगों को भूमि के व्यक्तिगत अधिकार दिए गए हैं, जबकि सभी वन ग्रामों व वन बस्तियों में 2,383 परिवार रह रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर ज़िले में तरकुलहा देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है. जनश्रुति है कि 1857 विद्रोह के नायक डुमरी रियासत के बाबू बंधू सिंह इसी स्थान से अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ गुरिल्ला संघर्ष छेड़े हुए थे. उन्होंने वर्तमान मंदिर के पास अंग्रेज़ों के सिर चढ़ाकर बलि की जो परंपरा शुरू की थी वह आज भी जारी है. ज़िले की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, यह देश का इकलौता मंदिर है, जहां प्रसाद के रूप में मटन दिया जाता हैं.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के शंकर पटखौली और महराजगंज ज़िले के सोहवल गांवों में प्रशासन की तरफ़ से अवैध क़ब्ज़े का आरोप लगाते हुए क़रीब 50 परिवारों को घर छोड़ने और हज़ारों रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.
बीते 30 मार्च को यूपी बोर्ड की 12वीं की अंग्रेज़ी परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इस संबंध में ख़बर लिखने के कारण बलिया के तीनों पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो पत्रकारों- अजित ओझा और दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकारियों ने ख़ुद को बचाने के लिए पत्रकारों को फंसाया था.