2018 में किसानों से ज़्यादा बेरोज़गारों और स्वरोज़गार करने वालों ने की आत्महत्या: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में औसतन 35 बेरोज़गारों और स्वरोज़गार से जुड़े 36 लोगों ने हर दिन ख़ुदकुशी की. इस साल 12,936 बेरोज़गारों और स्वरोज़गार से जुड़े 13,149 लोगों ने ख़ुदकुशी की.

/
(प्रती​कात्मक फोटोः रॉयटर्स)

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में औसतन 35 बेरोज़गारों और स्वरोज़गार से जुड़े 36 लोगों ने हर दिन ख़ुदकुशी की. इस साल 12,936 बेरोज़गारों और स्वरोज़गार से जुड़े 13,149 लोगों ने ख़ुदकुशी की.

Research has shown that LGBTQ people face a higher risk of having mental health issues such as depression, anxiety, substance abuse, suicide and self-harm than heterosexuals. ― Picture by Gift Habeshaw/Unsplash via Reuters
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक 2018 में प्रति दिन औसतन 35 बेरोजगारों और स्वरोजगार से जुड़े 36 लोगों ने खुदकुशी की. इसके साथ ही इन दोनों श्रेणियों को मिलाकर उस साल 26,085 लोगों ने आत्महत्या की.

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2018 में 12,936 बेरोजगारों ने और स्वरोजगार से जुड़े 13,149 लोगों ने खुदकुशी की. यह आंकड़ा कृषि क्षेत्र से जुड़े खुदकुशी करने वाले 10,349 लोगों की तुलना में कहीं अधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में देश में आए आत्महत्या करने वाले कुल व्यक्तियों में से 9.8 प्रतिशत (13,149) स्वरोजगार से जुड़े लोग थे.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में कुल 5,773 किसानों में से 5,457 पुरुष और 306 महिलाएं शामिल थीं. इसी तरह कुल 4,586 कृषि मजदूरों में से 4,071 पुरुष और 515 महिलाएं शामिल थीं.

एनसीआरबी के मुताबिक 2018 में आत्महत्या के 1,34,516 मामले सामने आए जो 2017 की तुलना में 3.6 फीसद अधिक है. उस वर्ष आत्महत्या की दर 2017 की तुलना 0.3 फीसद बढ़ गई. आत्महत्या दर प्रति एक लाख पर होने वाली आत्महत्याएं हैं.

एनसीआरबी ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा, ‘ऐसा कदम उठाने वाली कुल (42,391) महिलाओं में गृहणियां 54.1 फीसद यानी (22,937) हैं. ऐसा कदम उठाने वाले कुल लोगों में वे करीब 17.1 फीसद हैं.’

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘1707 सरकारी कर्मचारियों ने खुदकुशी की जो आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में 1.3 फीसद हैं. निजी क्षेत्रों में नौकरी करने वाले 5246 लोगों ने आत्महत्या की जो कुल संख्या का 6.1 फीसद है.’

इसके अनुसार, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के 2022 कर्मचारियों ने खुदकुशी कर ली जो कुल संख्या का 1.5 फीसद है. ऐसा कदम उठाने वाले विद्यार्थियों एवं बेरोजगारों की संख्या क्रमश: 10,159 और 12,936 हैं जो कुल संख्या का क्रमश: 7.6 और 9.6 फीसद हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 17,972 आत्महत्या के मामले सामने आए. इसके बाद तमिलनाडु में 13,896, पश्चिम बंगाल में 13,255, मध्य प्रदेश में 11,775 और कर्नाटक में 11,561 आत्महत्या के मामले सामने आए. साल 2018 में इन पांचों राज्यों में हुए आत्महत्याएं कुल आत्महत्याओं का 50.9 प्रतिशत है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games