लॉकडाउन: वेतन में कटौती न करने, मज़दूरों और छात्रों से किराया न लेने का आदेश

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की अवधि में अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करेंगे.

Kolkata: A migrant labourer carries his daughter on a trolley bag after he could not find any transport to return to his native place during the nationwide lockdown imposed in the wake of coronavirus pandemic, in Kolkata, Friday, March 27, 2020. (PTI Photo/Swapan Mahapatra)(PTI27-03-2020 000111B)

गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की अवधि में अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करेंगे.

प्रवासी मजदूर (फोटो: रॉयटर्स)
प्रवासी मजदूर (फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गृह मंत्रालय ने रविवार को जारी एक नए आदेश में कहा कि इस अवधि में कंपनियां या नियोक्ता किसी भी श्रमिक व कर्मचारियों का वेतन नहीं काटेंगे और मजदूरों और छात्रों से मकान मालिक एक महीना का किराया नहीं लेंगे.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि मकान मालिक एक महीने की अवधि के लिए को मजदूरों से किराया न वसूलें. इनमें प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं, जो कि किराए के मकानों में रहते हैं.

गृह मंत्रालय ने आदेश में कहा, ‘सभी नियोक्ता, चाहे वह उद्योग में हों या दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में, लॉकडाउन की जिस अवधि में उनके प्रतिष्ठान बंद रहेंगे, अपने श्रमिकों के वेतन का भुगतान उनके कार्य स्‍थल में नियत तिथि पर बिना किसी कटौती के करेंगे.’

आदेश के अनुसार, अगर कोई मकान मालिक किसी मजदूर या छात्र को मकान खाली करने के लिए मजबूर करता है, तो उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

राज्यों से यह भी कहा गया है कि लॉकडाउन की अवधि में मजदूरों को उनका वेतन समय पर और बिना किसी कटौती के दिया जाए और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है कि जो इस दौरान मजदूरों या छात्रों को मकान खाली करने के लिए कहेंगे.

इसके अलावा कहा गया है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है और इस अवधि में यात्रा की है, उन्हें कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा. क्वारंटाइन की अवध‌ि में ऐसे व्यक्तियों की निगरानी के लिए भी विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं.

मालूम हो कि लॉकडाउन के चलते काम बंद होने के कारण पिछले कुछ दिनों से विभिन्न राज्यों के शहरों से हजारों की संख्या में दिहाड़ी प्रवासी मजदूरों ने अपने गांवों की ओर पलायन किया है. इसके बाद गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 10 (2) (एल) का प्रयोग करते हुए रविवार दोपहर यह आदेश जारी किया.

गृह मंत्रालय के आदेश में राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि राज्य और जिले की सीमाओं को प्रभावी रूप से बंद किया जाए और लॉकडाउन की अवधि में लोगों को इन सीमाओं को पार न करने दिया जाए.

राज्यों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिया गया है कि शहरों या नेशनल हाईवे पर लोगों की आवाजाही न हो. केवल माल की आवाजाही की अनुमति दी जाए. आपदा प्रबंधन अधिन‌ियम के तहत जारी किए गए इन निर्देशों के कार्यान्वयन की जिम्‍मेदारी व्यक्तिगत रूप से डीएम और एसपी की होगी.

गृह मंत्रालय कि आदेश में सुझाव दिया गया है कि प्रवासी मजदूरों सहित गरीब और जरूरतमंद लोगों के भोजन और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था कार्यस्‍थल पर ही की जाए. केंद्र ने शनिवार को इस काम के लिए एसडीआरएफ फंड के इस्तेमाल के आदेश जारी किए थे. राज्यों के पास इस मद के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है.

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