राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप शक्तिशाली सहयोगी है जो लोगों की सुरक्षा करता है. इसमें डाटा सुरक्षा की ठोस व्यवस्था है.
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि ‘आरोग्य सेतु’ एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिससे निजता एवं डेटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘आरोग्य सेतु एक अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली है जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है तथा इसमें कोई संस्थागत जांच-परख नहीं है. इससे डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं.’
गांधी ने कहा, ‘प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन नागरिकों की सहमति के बिना उन पर नजर रखने का डर नहीं होना चाहिए.’
The Arogya Setu app, is a sophisticated surveillance system, outsourced to a pvt operator, with no institutional oversight – raising serious data security & privacy concerns. Technology can help keep us safe; but fear must not be leveraged to track citizens without their consent.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 2, 2020
इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘आरोग्य सेतु’ से जुड़े एक सवाल पर वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘आरोग्य सेतु के संदर्भ में कई विशेषज्ञों ने निजता का मुद्दा उठाया है. कांग्रेस इस विषय पर विचार कर रही है और अगले 24 घंटे में समग्र प्रतिक्रिया देगी.’
गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की है. खबरों के मुताबिक इस ऐप को करोड़ों लोग डाउनलोड कर चुके हैं.
गांधी का यह बयान केंद्र सरकार के उस कदम के एक दिन बाद सामने आया है जिसमें उसने सार्वजनिक और निजी दोनों तरह के संस्थानों के सभी कर्मचारियों के लिए ऐप के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है ताकि कोविड-19 के मरीजों का पता लगाया जा सके और अन्य लोगों को ऐसे लोगों से सतर्क किया जा सके.
इस ऐप को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) ने विकसित किया है.
राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने पर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया.
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘श्रीमान गांधी, वक्त आ गया है कि आप अपना ट्वीट ऐसे लोगों को आउटसोर्स करना बंद कर दें, जिनको भारत की समझ ही नहीं है.’ उन्होंने कहा कि इस ऐप की दुनिया भी में सराहना की जा रही है जिसे सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ाई में एक महत्वपूर्ण हथियार बताया है.
राहुल पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, ‘हर दिन एक नया झूठ. आरोग्य सेतु ऐप शक्तिशाली सहयोगी है जो लोगों की सुरक्षा करता है. इसमें डाटा सुरक्षा की ठोस व्यवस्था है. जो लोग जीवन भर निगरानी करने में जुटे रहे, वे नहीं समझ सकते कि प्रौद्योगिकी का अच्छे कार्यों में उपयोग किया जा सकता है.’
Daily a new lie.
Aarogya Setu is a powerful companion which protects people. It has a robust data security architecture.
Those who indulged in surveillance all their lives, won’t know how tech can be leveraged for good! https://t.co/t8ThXmddcS— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 2, 2020
आगामी 4 मई से दो हफ्तों के लॉकडाउन के दौरान लागू होने जा रहे नए दिशानिर्देशों के अनुसार, आरोग्य सेतु ऐप सार्वजनिक और निजी सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य होगा और संस्थान के प्रमुख को 100 फीसदी कर्मचारियों के पास इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी.
पिछले हफ्ते सभी केंद्रीय कर्मचारियों से इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा गया था और बीते शुक्रवार से दिल्ली-गुड़गांव सीमा पार करने वालों के लिए भी इसे अनिवार्य कर दिया गया.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2 अप्रैल को जारी एक बयान के अनुसार, ऐप उपयोगकर्ताओं के ‘अन्य लोगों के साथ बातचीत’ को ट्रैक करेगा और यदि उपयोगकर्ता किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो अधिकारियों को सतर्क करेगा.
इस ऐप के लॉन्च होने के बाद से ही साइबर सुरक्षा और कानून से जुड़े विशेषज्ञों ने ऐप के डेटा और गोपनीयता (प्राइवेसी पॉलिसी) को लेकर चिंता जताई थी.
अब देश में कोविड 19 के प्रसार को नियंत्रित करने के इरादे से लोगों की आवाजाही को इसकी मदद से नियंत्रित करने का सरकार का संभावित कदम इन विशेषज्ञों की चिंताओं को और बढ़ा रहा है.
इसके लॉन्च के समय से ही इसे लेकर प्राइवेसी से जुड़े सवाल उठे हैं, जिसके बाद कम से कम से कम नौ संगठनों और 11 लोगों ने इसके इस्तेमाल और लोगों के निजी डेटा के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार को लिखा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)