मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ख़ुद के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देते हुए जनता से सावधान रहने की अपील की है. उन्हें भोपाल के कोविड-19 के लिए अधिकृत चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया है.
भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.
चौहान ने शनिवार को ट्वीट कर एवं संदेश जारी कर कहा, ‘मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझमें कोविड-19 के लक्षण नजर आ रहे थे. जांच के बाद मेरी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है. मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वे अपनी कोरोना वायरस जांच करवा लें. मेरे निकट संपर्क वाले लोग क्वारंटीन में चले जाएं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं कोरोना वायरस से संक्रमित हो गया हूं. मैं कोरोना वायरस दिशानिर्देशों का पूरा पालन कर रहा हूं . डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वयं को क्वारंटीन करूंगा और इलाज करवाऊंगा. प्रदेश की जनता से मेरी अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना वायरस को निमंत्रण देती है.’
चौहान ने बताया, ‘मैंने कोरोना वायरस से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए, लेकिन समस्याओं को लेकर कई लोग मिलते ही थे. मेरी उन सब को सलाह है कि जो मुझसे मिले वह अपना टेस्ट करवा लें.’
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है. कोरोना वायरस का समय पर इलाज होता है तो यह बिल्कुल ठीक हो जाता है.
चौहान ने बताया, ‘मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक करता रहा हूं. मैं यथासंभव अब वीडियो कॉन्फ्रेंस से कोरोना वायरस की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा और मेरी अनुपस्थिति में यह बैठक प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं स्वयं भी क्वारंटीन में रहते हुए इलाज के दौरान प्रदेश में कोरोना वायरस नियंत्रण के हर संभव प्रयास करता रहूंगा.’
चौहान ने कहा, ‘आप सब सावधान रहें, सुरक्षित रहें और गाइडलाइन का पालन जरूर करें.’
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली. ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.’
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली।
ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।@ChouhanShivraj
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 25, 2020
हालांकि मार्च से लेकर अब तक 25 कांग्रेसी विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर देश में गैर-भाजपाई सरकारों को गिराने की शिकायत करने के दौरान उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन को 24 मार्च के पहले लागू नहीं होने दिया था.
प्रधानमंत्री को पत्र:
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर प्रजातंत्र की रक्षा के लिये कदम उठाने का आग्रह किया है।
लोकतंत्र की रक्षा हो,
जनादेश की सुरक्षा हो। pic.twitter.com/q7vbBILi55— MP Congress (@INCMP) July 23, 2020
उन्होंने कहा था, ‘मध्य प्रदेश की निर्वाचित सरकार को गिराया जाना भारत के प्रजातंत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है. यह सोचकर दिल दहल जाता है कि जब एक ओर मानव समाज अपने अस्तित्व की लड़ाई कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा था, तब दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मध्य प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सहित 22 मंत्रियों और विधायकों को लेकर मध्य प्रदेश की सरकार गिराने के लिए बेंगलुरू चले गये और प्रदेश के नागरिकों को महामारी की आग में झोंक दिया.’
कमलनाथ ने आगे लिखा, ‘चर्चा यह भी है कि मध्य प्रदेश में कई मौकापरस्त, मतलबी, लोभी नेताओं ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन को 24 मार्च के पहले लागू नहीं होने दिया. अभी भी मध्य प्रदेश में भाजपा द्वारा प्रतिपक्षीय विधायकों को प्रलोभित करके उनके इस्तीफे कराकर भाजपा में शामिल कराया जा रहा है और ऐसे अनैतिक कृत्य के उपचुनावों का बोझ प्रदेश के नागरिकों पर डाला जा रहा है.’
बता दें कि राज्यसभा टिकट न मिलने से नाराज होकर 10 मार्च को कांग्रेस इस्तीफा देने के बाद सिंधिया ने 11 मार्च को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.
इसके बाद 22 कांग्रेस विधायकों के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के कारण ही बीते 20 मार्च को प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी.
इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो गए. हालांकि, मुख्यमंत्री बनने के बाद कोरोना वायरस महामारी के दौरान करीब एक महीने तक कैबिनेट का विस्तार न करने पर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
इसके बाद चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के 29 दिन बाद 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन किया था.
इसके करीब महीने बाद 2 जुलाई को चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार किया और 28 मंत्री बनाए. इसमें 20 कैबिनेट और आठ राज्य मंत्री शामिल हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)