मामला आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बासगांव का है. घटना के बाद तरवां इंस्पेक्टर और स्थानीय चौकी प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही कर उनकी संपत्ति ज़ब्त करते हुए एनएसए लगाने का निर्देश दिया है.
लखनऊ/आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के बासगांव के ग्राम प्रधान की शुक्रवार शाम को गांव के ही कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी. ग्राम प्रधान की हत्या के खिलाफ स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मची भगदड़ में आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि बांसगांव निवासी 42 वर्षीय ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते को हमलावरों ने घर से बुलाकर गोली मारी, जिससे उनकी मौत हो गई.
घटना के बाद उग्र हुई भीड़ ने तोड़फोड़ की और कई वाहन फूंक दिए. भीड़ ने एक पुलिस चौकी को भी आग लगा दी. इस बीच एक बच्चे की मौत भी हो गई, जिससे भीड़ और उग्र हो गई.
सूचना के बाद डीआईजी विजय कुमार, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, डीएम राजेश कुमार और पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह मौके पर कई थानों के पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे.
अधिकारियों ने लोगों को समझाकर मामले को शांत कराने का प्रयास किया लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया.
आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस चौकी रासेपुर बोंगरिया में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. स्थिति गंभीर होने पर मौके पर पीएसी बुलाई गई.
पुलिस के मुताबिक, देर रात किसी तरह से पुलिस और पीएसी ने हालात पर काबू पाया. अधिकारियों ने परिजनों को किनारे लाकर बातचीत की, जिसके बाद ग्राम प्रधान और बच्चे के शव को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा.
इस सिलसिले में दो पुलिस अधिकारियों- तरवां के इंस्पेक्टर मंजय कुमार और स्थानीय चौकी प्रभारी शिवभजन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्राम प्रधान की हत्या और बच्चे की मौत पर संज्ञान लिया है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि बासगांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं. भगदड़ में जान गंवाने वाले बच्चे की पहचान सूरज के रूप में की गई है.
योगी ने अनुसूचित जाति/जनजाति एक्ट के तहत दी जाने वाली सहायता राशि के अलावा मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि पीड़ितों के परिजनों को दिए जाने की घोषणा की है. उन्होंने संबंधित थानाध्यक्ष तथा चौकी इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के भी निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने अपराधियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही कर उनकी संपत्ति जब्त करते हुए एनएसए लगाने के निर्देश दिए. साथ ही इस तरह की घटना के लिए जिले के अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.
पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने बताया कि इस घटना में चार लोगों के नाम सामने आए हैं. पुलिस की चार टीमें गठित कर संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है. एक बच्चे की मौत भगदड़ में हो गई है, जिसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि पुलिस पर कुछ लोगों ने पथराव किया और दो बाइकों को आग के हवाले कर दिया. घटना में शामिल जिन चार लोगों के नाम प्रकाश में आए हैं उनके खिलाफ 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया गया है. इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और एनएसए के तहत कार्रवाई की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा, ‘पुलिस हेल्पलाइन पर दी गई शुरुआती सूचना में दो आरोपियों का नाम लिया गया है. बाद में दर्ज कराई शिकायत में दो और लोगों के नाम शामिल किए गए.’
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ग्राम प्रधान की हत्या उनकी पहचान के लोगों ने की है. सूचना के अनुसार वे उनके घर से 500 मीटर उनसे बातचीत कर रहे थे और अचानक गोलीबारी शुरू कर दी.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा के तहत गांव में कुछ दिन पूर्व खुदवाए गए पोखरे को लेकर 42 वर्षीय ग्राम प्रधान का कुछ लोगों से विवाद चल रहा था.
मृतक ग्राम प्रधान के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और तीन बेटियां हैं.
ग्रामीणों ने कहा, ‘दो लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है और दो अन्य लोग हत्या में शामिल हैं. शिकायतकर्ताओं ने अभी उनका नाम नहीं दिया है.’
रिपोर्ट के अनुसार, दो आरोपियों के नाम गोलू सिंह और प्रियांशु हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)