हाथरस गैंगरेप: यूपी पुलिस का दावा, योगी सरकार को बदनाम करने के लिए हुई अंतरराष्ट्रीय साज़िश

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस के चंदपा थाने में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ राजद्रोह सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए दावा किया है कि 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई हिंसा और कथित गैंगरेप मामले को लेकर उन्हें जाति आधारित दंगे भड़काने वाले एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का पता चला है.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/@MYogiAdityanath)

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस के चंदपा थाने में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ राजद्रोह सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज करते हुए दावा किया है कि 19 वर्षीय दलित युवती के साथ हुई हिंसा और कथित गैंगरेप मामले को लेकर उन्हें जाति आधारित दंगे भड़काने वाले एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का पता चला है.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया कि उसने जाति के आधार पर दंगे भड़काने वाली और हाथरस में 19 वर्षीय दलित महिला के साथ हुई हिंसा और कथित गैंगरेप के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने वाली एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को हाथरस के चंदपा थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ राजद्रोह सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.

सूत्रों के अनुसार, एक वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.co को इस साजिश से जोड़ा गया गया, जिस पर सुरक्षित तरीके से प्रदर्शन करने और पुलिस से बचने की जानकारी थी. फिलहाल वेबसाइट को बंद कर दिया गया और अभी उपलब्ध नहीं है.

सूत्रों ने बताया कि इस वेबसाइट पर दंगों और पुलिस द्वारा आंसू गैस छोड़े जाने के दौरान सुरक्षित रहने को लेकर भी जानकारियां थीं.

उन्होंने कहा कि वेबसाइट पर मौजूद अधिकतर कंटेंट अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर्स का प्रदर्शन आयोजित करने वालों से ली गई थी. चंदपा थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज किए जाने की पुष्टि की है.

यह एफआईआर आईपीसी की धारा 109 (अपराध के लिए उकसाना), 120बी (आपराधिक साजिश), 124ए (राजद्रोह), 153ए (धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर समूहों में नफरत फैलाने की कोशिश) और इसकी चार उपधाराओं, 153बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप लगाना) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज किए गए हैं.

झूठे साक्ष्य गढ़ना, जालसाजी व अन्य आरोपों से संबधित धाराओं के साथ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एक्ट की धारा में भी मामला दर्ज किया गया है.

चंदपा थाने में ही रविवार और सोमवार को राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी कार्य में व्‍यवधान और निषेधाज्ञा के उल्‍लंघन जैसे आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है.

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्‍यवस्‍था) प्रशांत कुमार ने सोमवार को चंदपा थाने में दर्ज मुकदमों की जानकारी देते हुए कहा कि पोस्‍टरों, सोशल मीडिया पोस्‍ट से माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

कुमार ने कहा कि कोविड-19 के चलते राजनीतिक दलों के पांच लोगों को वहां जाने दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘कुछ राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने दिशा-निर्देश का उल्‍लंघन किया. हाथरस की घटना से कुछ लोगों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया. पहला मुकदमा वायरल ऑडियो से माहौल बिगाड़ने के प्रयास में चंदपा थाने में हुआ.’

अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया, ‘एक साजिश के तहत राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई है. हम सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं. कई एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं.’

बता दें कि यह एफआईआर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उनकी सरकार के खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाए जाने के बाद सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से देश और प्रदेश में इन जातीय और सांप्रदायिक दंगों की साजिशों का पर्दाफाश करने के लिए कहा था.

योगी ने कहा था, ‘जिसे विकास अच्छा नहीं लगता वो देश में और प्रदेश में भी जातीय और सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं. इस दंगे की आड़ में विकास रुकेगा.’

योगी ने कहा, ‘इस दंगे की आड़ में राजनीतिक रोटियां सेंकने का उन्हें अवसर मिलेगा. इसलिए वे नये षड्यंत्र करते रहते हैं और इन सभी षड्यंत्रों के प्रति पूरी तरह आगाह होते हुए हमें विकास की इस प्रक्रिया को तेजी के साथ आगे बढ़ाना है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)