सितंबर 2019 में बीएमसी ट्री अथॉरिटी ने मुंबई मेट्रो रेल के लिए प्रस्तावित कार शेड के निर्माण के लिए आरे जंगल में 2,700 पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए मंज़ूरी दे दी थी. इसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोगों ने विरोध किया था. तब कई लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आरआर दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरे मेट्रो कार परियोजना का स्थान बदलने की घोषणा करते हुए इसे यहां कंजूरमार्ग स्थानांतरित करने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा कि आरे में मेट्रो कार शेड बनाने के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे.
साल 2019 के सितंबर महीने में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ट्री अथॉरिटी ने मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को मेट्रो-3 कॉरिडोर के लिए प्रस्तावित कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी में 2,646 पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए मंजूरी दे दी थी, जिसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोग ने विरोध किया था.
रविवार को ठाकरे ने डिजिटल कॉन्फ्रेंस में कहा कि परियोजना को कंजूरमार्ग में सरकारी भूमि पर स्थानांतरित किया जाएगा और इस काम में कोई खर्च नहीं आएगा. उन्होंने कहा, ‘भूमि शून्य दर पर उपलब्ध कराई जाएगी.’
ठाकरे ने कहा कि आरे जंगल के तहत आने वाली भूमि का इस्तेमाल दूसरे जन कार्यों के लिए किया जाएगा. इस परियोजना पर आरे जंगल के भीतर लगभग 100 करोड़ रुये खर्च हुए हैं, जो बर्बाद नहीं जाएंगे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से लगे हुए आरे में 800 एकड़ से ज्यादा जमीन को पहले ही संरक्षित जंगल घोषित किया जा चुकी है. यह 600 एकड़ की प्रस्तावित जमीन से 200 एकड़ ज्यादा है. भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधानों के तहत एक बार यह क्षेत्र संरक्षिण जंगल घोषित हो जाए तो यहां की जमीन विकास के लिए अनुपलब्ध हो जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सरकार ने बताया था कि आरे वन भूमि 600 एकड़ है, लेकिन अब इसमें संशोधन कर बताया जाता है कि यह 800 एकड़ है. आरे वन में आदिवासियों के अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा.
CM Uddhav Balasaheb Thackeray addressing the State https://t.co/E8qhmRTulz
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) October 11, 2020
मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने पिछले साल 25 अक्टूबर को 32,000 करोड़ रुपये के कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज़ मेट्रो कॉरिडोर के तहत कार शेड बनाने के लिए आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटना शुरू कर दिया था. स्थानीय लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने परियोजना और इस इलाके में पेड़ों की कटाई का विरोध किया था, कई लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
कुल 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. चौतरफा विरोध के बीच मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उद्धव ठाकरे ने कार शेड प्रोजेक्ट के काम पर रोक लगा दी थी.
ठाकरे ने कहा कि राज्य के गृह विभाग ने नागरिकों एवं प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज केस को वापस ले लिया है. उन्होंने कहा, ‘विधानसभा चुनाव से पहले हमने इसका विरोध किया था. विरोध प्रदर्शन चल रहे थे, लेकिन रात में ही पेड़ काट दिए गए थे और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया था. सरकार ने इस तरह के केस को वापस लेने का फैसला लिया है.’
ठाकरे ने कहा कि आरे के जंगल में जो बिल्डिंग बन चुकी है, उसका इस्तेमाल किसी और सार्वजनिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘इस कार्य में लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च किया गया है और यह बेकार नहीं जाएगा.’
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री ने कहा कि आरे में जैव विविधता को संरक्षित करने और बचाने की आवश्यकता है. कहीं भी शहरी क्षेत्र में 800 एकड़ का जंगल नहीं है, लेकिन मुंबई में अब एक प्राकृतिक वन है.
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार की मेट्रो कार शेड को आरे से स्थानांतरित करने की योजना गलत नीति का प्रतिबिंब है.