बीते 22 अगस्त को जम्मू कश्मीर छह क्षेत्रीय पार्टियों ने संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फ़ैसले को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने के लिए गठबंधन का ऐलान किया था और एक घोषणा-पत्र जारी किया था.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) शुक्रवार को गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीजीएडी) में शामिल हो गई. श्रीनगर में गुपकर स्थित महबूबा मुफ्ती के ‘फेयरव्यू’ आवास पर हुई गठबंधन की बैठक में कांग्रेस के दो नेता शामिल हुए.
पीडीपी अध्यक्ष मुफ्ती, गठबंधन की उपाध्यक्ष हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला इसके अध्यक्ष हैं.
गौरतलब है कि 22 अगस्त को छह क्षेत्रीय पार्टियों ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इसकी बहाली के लिए मिलकर संघर्ष करने का ऐलान किया था और इस संबंध में एक घोषणा-पत्र जारी किया था.
मुफ्ती के आवास के बाहर कांग्रेस नेता गुलाम नबी मोंगा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम गठबंधन के साथ हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या गठबंधन के सदस्य दलों में कोई मतभेद है, मोंगा ने कहा, ‘कोई असहमति नहीं है और स्वस्थ चर्चा हुई.’
मुफ्ती के घर पर हुई बैठक के बाद पीएजीडी के नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय ‘नवा-ए-सुबह’ पर बैठक करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के कश्मीर अध्यक्ष नासिर असलम वानी ने कहा कि कांग्रेस ने आश्वासन दिया है कि वह गठबंधन का हिस्सा होगी और डीडीसी के चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा होगी.
वानी ने कहा, ‘कांग्रेस गठबंधन में शामिल हो गई है. उनके नेता ने फारूक अब्दुल्ला से बात की है. दोनों वरिष्ठ नेता बैठक में भी मौजूद थे. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह गठबंधन और डीडीसी चुनाव में भी शामिल होंगे.’ उन्होंने कहा कि गठबंधन ‘सीट बंटवारे की सूची आज पूरी करने का प्रयास करेगा.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कांग्रेस ने साफ किया है कि वह गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीएजीडी) का हिस्सा नहीं है, बल्कि वह केवल डीडीसी चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर शामिल हुई है.
मीर ने कहा कि उन्होंने पीएजीडी से हाथ धर्मनिरपेक्ष वोटों के बिखराव को रोकने और सांप्रदायिक ताकतों को किनारे रखने के लिए मिलाया है.
उन्होंने कहा, ‘धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोकने के लिए गठबंधन का साथ देना होगा. अगर हमने अलग-अलग चुनाव लड़ा होता तो इससे धर्मनिरपेक्ष वोटों का विभाजन होता और हम सांप्रदायिक ताकतों को विभाजित करने के लिए धर्मनिरपेक्ष वोटों के किसी भी विभाजन को रोकना चाहते थे.’
इस बात पर कि क्या पीएजीडी और कांग्रेस के नेता संयुक्त रूप से मतदान रैलियों को संबोधित करेंगे, मीर ने कहा, ‘गठबंधन के नेताओं के लिए जम्मू कश्मीर में सभी 280 सीटों पर प्रचार करना संभव नहीं होगा.’
चुनाव के बाकी आठ चरणों के वास्ते डीडीसी के चुनाव और प्रत्याशियों की सूची तैयार करने के लिए बैठक बुलाई गई थी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और अनंतनाग से सांसद हसनैन मसूदी ने कहा, ‘हमने डीडीसी चुनाव पर चर्चा की और प्रत्याशियों की सूची तैयार कर रहे हैं. बैठक दोबारा नवा-ए-सुबह पर बुलाई जाएगी. यह केवल सीटों के बंटवारे या संख्या के लिए नहीं है बल्कि संदेश देने का सवाल है.’
बता दें प्रथम चरण के चुनाव के लिए पीएजीडी ने सीटों के बंटवारे की घोषणा बृहस्पतिवार को की थी.
पहले चरण में नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर घाटी में 27 में अधिकतर सीटों पर लड़ रही है. वह 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर रही है. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी चार, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस दो सीटों पर लड़ रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)