देश में ऑक्सफोर्ड और भारत बायोटेक के कोविड-19 टीकों के आपात इस्तेमाल की मंज़ूरी

दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक ने यह मंज़ूरी दी है.

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भारत बॉयोटेक का कोवै​क्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट का कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड. (फोटो साभार: भारत बायोटेक/अदार पूनावाला)

दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक ने यह मंज़ूरी दी है.

भारत बॉयोटेक का कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट का कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड. (फोटो साभार: भारत बायोटेक/अदार पूनावाला)
भारत बॉयोटेक का कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट का कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड. (फोटो साभार: भारत बायोटेक/अदार पूनावाला)

नई दिल्ली: भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को रविवार को मंजूरी दे दी, जिससे व्यापक टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है.

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की है.

डीसीजीआई डॉ. वीजी सोमानी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सीडीएससीओ ने पर्याप्त अध्ययन के बाद विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है और तदनुसार मेसर्स सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और मेसर्स भारत बायोटेक के टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग के लिए स्वीकृति प्रदान की जा रही है.’

इससे आने वाले दिनों में भारत में कम से कम दो टीकों के जारी होने का रास्ता साफ हो गया है. 

दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है.

भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है.

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘सभी को नववर्ष की मुबारकबाद. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके का भंडार जमा करके जो जोखिम लिया, उसका अंतत: फल मिल गया है. भारत का पहला कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और आने वाले सप्ताहों में टीकाकरण के लिहाज से तैयार है.’

भारत के औषध महानियंत्रक यह भी कहा कि सोमानी ने कहा कि कैडिला हेल्थकेयर को भी उसके संभावित टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए अनुमति प्रदान की गई है.

बहरहाल इन दो टीकों के मंजूरी को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की जंग में निर्णायक क्षण बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि इससे कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा.

भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ऑक्सफोर्ड के टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश में जिन दो टीकों के आपात इस्तेमाल की स्वीकृति दी गई है, वे भारत निर्मित हैं.

उन्होंने देश को, वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों को बधाई देते हुए कहा, ‘यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है. वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया.’

उन्होंने ‘विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सेवा भाव के लिए’ डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और सभी कोरोना योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा, ‘देशवासियों का जीवन बचाने के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे.’

मोदी ने ट्वीट किया, ‘वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण! सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के टीकों को डीसीजीआई की मंजूरी मिलने से स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)