कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया तो फिर वह जांच का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं. प्रधानमंत्री जांच का आदेश नहीं दे रहे हैं तो इसका सिर्फ़ एक कारण है कि वह ख़ुद वही व्यक्ति हैं जिसके ज़रिये यह सूचना पत्रकार तक पहुंची.
करूर (तमिलनाडु): कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ‘वह व्यक्ति हैं जिनके जरिये’ बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले ही उसकी जानकारी ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को मिली.
बहरहाल, उन्होंने अपने दावे को लेकर कोई सबूत नहीं दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से भी फिलहाल इस दावे पर कोई जवाब नहीं आया है.
तमिलनाडु के करूर में एक चुनावी रोडशो के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री समेत सिर्फ पांच लोगों को किसी सैन्य कार्रवाई के बारे में पहले से जानकारी रही होगी.
उन्होंने अर्नब की कथित वॉट्सऐप बातचीत का हवाला देते हुए कहा, ‘कुछ दिनों पहले यह जानकारी सामने आई कि एक पत्रकार बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बारे में पहले से जानता था. पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना की ओर से बमबारी किए जाने के तीन दिनों पहले ही एक पत्रकार को बता दिया गया कि क्या होने जा रहा है.’
राहुल गांधी ने कहा कि इसका यह मतलब हुआ कि वायुसेना के हमारे पायलटों के जीवन को खतरे में डाला गया.
उनके मुताबिक, बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में सिर्फ प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, गृह मंत्री और वायुसेना प्रमुख को जानकारी थी.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘इन लोगों के अलावा किसी अन्य को बालाकोट एयर स्टाइक से पहले इसकी जानकारी नहीं थी. अब मैं यह समझना चाहता हूं कि इसकी जांच आरंभ क्यों नहीं हुई कि बालाकोट की कार्रवाई से पहले इसकी जानकारी एक पत्रकार को किसने दी. कारण यह है कि इन पांच लोगों में से किसी ने इस व्यक्ति को बताया. इनमें से किसी ने ही हमारी वायुसेना के साथ विश्वासघात किया.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘अगर प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया तो फिर वह जांच का आदेश क्यों नहीं दे रहे हैं. इस बारे में सोचिए. प्रधानमंत्री जांच का आदेश नहीं दे रहे हैं तो इसका सिर्फ एक कारण है कि वह खुद वही व्यक्ति हैं जिसके जरिये यह सूचना पत्रकार तक पहुंची.’
उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो प्रधानमंत्री को जांच करानी चाहिए और यह बताना चाहिए कि उक्त पांच लोगों में से सूचना किसने दी थी.
बता दें कि कई चैनलों द्वारा टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) को लेकर की गई कथित धोखाधड़ी मामले में चल रही जांच में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच हुई वॉट्सऐप चैट जारी करते हुए बताया है कि किस तरह उन्होंने रेटिंग्स से ‘छेड़छाड़’ के तरीकों के बारे में चर्चा की थी.
वॉट्सऐप मैसेज गोस्वामी की प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से नजदीकी दिखाते हैं, साथ में यह भी दिखाते हैं कि किस तरह उन्होंने अपनी पहुंच का दुरुपयोग किया.
इन संदेशों से यह भी पता चला है कि गोस्वामी को उन प्रमुख फैसलों की भी जानकारी थी, जो केंद्र सरकार ने लिए थे. इनसे ऐसा लगता है कि उन्हें बालाकोट एयरस्ट्राइक और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की भी पहले से जानकारी थी. इससे सरकार के आलाकमान से उनके करीबी संबंधों का भी पता चलता है.
दोनों के बीच संदेशों के आदान-प्रदान से पता चलता है कि उनके पास बालाकोट हवाई हमले से तीन दिन पहले 23 फरवरी, 2020 को यह जानकारी थी कि कुछ बड़ा होने वाला है. चैट में कथित तौर पर गोस्वामी कहते हैं कि यह सामान्य से बड़ी स्ट्राइक होगी और सरकार को विश्वास है कि इस स्ट्राइक से लोग खुश हो जाएंगे.
बहरहाल राहुल गांधी ने चीन-भारत सीमा पर गतिरोध को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सीना 56 इंच का है. आज चीन की सेना भारतीय सीमा के भीतर बैठी हुई है. हजार किलोमीटर भारतीय जमीन को उन्होंने कब्जे में ले लिया है. इसके बाद भी प्रधानमंत्री की हिम्मत नहीं है कि वह चीन के बारे में एक शब्द बोल दें.’
गांधी ने आगे कहा, ‘आप पिछले तीन-चार महीने के उनके बयान को देखें, उन्होंने ‘चीन’ शब्द नहीं कहा है. जब चीनी हमारी सीमा में घुसे थे, तब उन्होंने झूठ बोला था कि कोई भी नहीं आया था. इसके कुछ दिन बाद सेना और रक्षा मंत्री ने कहा था कि चीनी सेना भारतीय क्षेत्र में घुसी थी.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया और देश को बांटकर कमजोर कर दिया, यही एकमात्र वजह है कि चीन इस देश के भीतर घुसने की हिम्मत कर सका.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)