मीडिया संगठन ने किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पत्रकारों पर हमले की निंदा की

न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिशन की ओर से कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली को कवर करने वाले मीडियाकर्मी सूचना एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए प्रसारित करने के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे. उनके ख़िलाफ़ बल और हिंसा का कोई भी उपयोग लोकतंत्र की आवाज़ और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान है.

/
2021 में गणतंत्र दिवस के दिन नई दिल्ली के लाल किले में किसान पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड्स को हटाते हुए. (फोटो: पीटीआई)

न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिशन की ओर से कहा गया है कि ट्रैक्टर रैली को कवर करने वाले मीडियाकर्मी सूचना एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए प्रसारित करने के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे. उनके ख़िलाफ़ बल और हिंसा का कोई भी उपयोग लोकतंत्र की आवाज़ और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान है.

गणतंत्र दिवस के दिन नई दिल्ली के लाल किले में किसान पुलिस द्वारा लगाए बैरिकेड्स को हटाते हुए. (फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली के कवरेज के दौरान मीडियाकर्मियों पर कथित हमले और उनके उपकरणों को तोड़ने की बुधवार को कड़ी निंदा की.

एनबीए ने एक बयान में कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया दोनों ही पिछले दो महीनों के दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके में किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे हैं.

बयान में कहा गया है कि एनबीए नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को निकाली गई ट्रैक्टर रैली की कवरेज के दौरान मीडियाकर्मियों पर हमले और उनके उपकरणों को तोड़ने की कड़ी निंदा करता है.

बयान में कहा गया है कि मंगलवार की ट्रैक्टर रैली को कवर करने वाले मीडियाकर्मी सूचना एकत्र करने और उन्हें जनता के लिए प्रसारित करने के अपने पेशेवर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे और उनके खिलाफ बल और हिंसा का कोई भी उपयोग लोकतंत्र की आवाज और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटने के समान है.

एनबीए ने मांग की कि पत्रकारों पर हमले के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों या बदमाशों की पहचान की जानी चाहिए और कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि ये तत्व मीडियाकर्मियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से बाधित कर रहे थे और संविधान में निहित उनके अधिकारों को रौंद रहे थे.

बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था.

दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 20 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की हैं. हिंसा में करीब 400 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

https://grading.spxps.edu.ph/js/goceng/ https://grading.spxps.edu.ph/js/slot100/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/pkv-games/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/dominoqq/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/bandarqq/