26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई भ्रामक ट्वीट करने के आरोप में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने भी एफआईआर के खिलाफ मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर किए गए ट्वीट की वजह से थरूर, सरदेसाई और पांच पत्रकारों के खिलाफ पांच राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई.
ये मामले गुड़गांव, बेंगलुरु और नोएडा में गुरुवार को दर्ज किए गए थे. इसी तरह के चार मामले इससे पहले मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी दर्ज किए गए थे.
इनमें से अधिकतर के खिलाफ राजद्रोह, आपराधिक धमकी, दुश्मनी को बढ़ावा देने, सार्वजनिक शांत को बाधित करने के लिए उकसाने, आपराधिक षडयंत्र, धार्मिक भावनाएं आहत करने की धाराओं में मामले दर्ज किए गए.
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील चिरंजीव कुमार की शिकायत पर दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई.
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी ने 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी नवरीत सिंह की मौत को लेकर फेक न्यूज फैलाई.
उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर के पुलिस बैरिकेड से टकराकर पलटने से नवरीत सिंह की मौत हुई थी. पोस्टमार्टम में गोली लगने की बात को खारिज कर दिया गया था.
शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों ने उस दिन (26 जनवरी) नवरीत सिंह की मौत को हत्या का नाम देकर ट्वीट किए और फेक न्यूज फैलाई.
दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को थरूर, सरदेसाई, ‘कारवां’ पत्रिका और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
इससे पहले थरूर और छह पत्रकारों पर नोएडा पुलिस ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा को लेकर तथा अन्य आरोपों के साथ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली थी. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)