पुलिस ने बताया कि भाजपा के एक विधायक अरुण नारंग की शनिवार को मुक्तसर ज़िले के मलोट में कथित तौर पर किसानों के एक समूह द्वारा पिटाई की गई और उनकी शर्ट फाड़ दी गई. मुक्तसर पुलिस ने किसान नेताओं समेत सात नामज़द और 200-250 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है. वहीं भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष प्रवीण बंसल का बरनाला में कथित तौर पर किसानों द्वारा घेराव किया गया है.
चंडीगढ़: किसान आंदोलन के चार महीने हो चुके हैं और पंजाब में भाजपा नेताओं का विरोध लगातार जारी है. आंदोलनकारी किसान कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर राज्य में भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध कर रहे हैं.
शुक्रवार को भाजपा के दो नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा, इनमें से एक के साथ बदसलूकी करने का भी मामला सामने आया है.
भाजपा के एक विधायक की शनिवार को मुक्तसर जिले के मलोट में किसानों के एक समूह द्वारा कथित रूप से पिटाई की गई और उनकी शर्ट फाड़ दी गई. यह जानकारी पुलिस ने दी.
अधिकारियों ने बताया कि जब अबोहर के विधायक अरुण नारंग स्थानीय नेताओं के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मलोट पहुंचे तो प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने उन्हें घेर लिया और उन पर और उनके वाहनों पर काली स्याही फेंकी गई.
पुलिस ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मी विधायक और स्थानीय नेताओं को एक दुकान में ले गए लेकिन बाद में जब वे इससे बाहर आए, तो प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उनकी पिटाई की और नारंग के कपड़े फाड़ दिए.
अधिकारियों ने बताया कि नारंग के साथ मौजूद पुलिसकर्मियों को उन्हें प्रदर्शनकारियों से बचाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विधायक को बाद में पुलिस ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
पुलिस उपाधीक्षक (मलोट) जसपाल सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी इस बात पर अड़े थे कि वे भाजपा विधायकों को संवाददाता सम्मेलन नहीं करने देंगे. उन्होंने बताया कि इस घटना में एक पुलिस अधिकारी को मामूली चोट लगी है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर विधायक को फटे कपड़ों में पुलिस द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाते हुए दिखाया गया है.
मुक्तसर पुलिस ने शनिवार रात में सात नामजदों और 200-250 अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल प्रयोग या हमला करने, गलत तरीके से कैद करने, आपराधिक धमकी देना और दंगा-फंसाद सहित अन्य आरोप में मामला दर्ज किया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नामजद लोगों में भारतीय किसान यूनियन सिधुपुर के अध्यक्ष सुखदेव सिंह बड़ाबुजर और सदस्य निर्मल सिंह जसीना शामिल हैं.
बाद में नारंग ने बताया कि कुछ लोगों द्वारा उन्हें ‘घूसे मारे’ गए. उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत घूंसे मारे गए और मेरे कपड़े भी फाड़ दिए गए.’
Punjab: Bharatiya Janata Party (BJP) MLA from Abohar Arun Narang was thrashed allegedly by protesting farmers in Malout yesterday.
An FIR has been registered at Malout Police Station. pic.twitter.com/c7DOYzEMYv
— ANI (@ANI) March 28, 2021
भाजपा विधायक ने कहा कि वह एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने के लिए मलोट गए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने संवाददाता सम्मेलन नहीं होने दिया. उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्हें घेर लिया.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज कराई है, नारंग ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व से बात करेंगे.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नारंग पर कथित हमले की कड़ी निंदा की और साथ ही राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.
उन्होंने किसानों से हिंसा के ऐसे कृत्यों में शामिल नहीं होने का आग्रह किया और स्थिति को बढ़ने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे पिछले साल संसद में कृषि कानूनों के पारित होने से उत्पन्न संकट का तुरंत समाधान करें.
मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रमुख को घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो विधायक को बचाने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों से भी भिड़ गए.
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि विधायक को बचाने और निकालने की कोशिश के दौरान पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) फरीदकोट घायल हो गए.
सिंह ने कहा कि अधिकारी के सिर पर बेंत लगी, जिससे उनकी पगड़ी उतर गई. उन्हें सिविल अस्पताल मलोट में भर्ती कराया गया है.
डीजीपी ने कहा कि संदिग्धों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा और स्थानीय भाजपा नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं.
अमरिंदर सिंह ने कहा कि विरोध करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
पंजाब भाजपा नेताओं द्वारा उनके इस्तीफे की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार की घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने के बजाय, उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व पर विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव डालना चाहिए.
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने भी नारंग पर कथित हमले की कड़ी निंदा की.
उन्होंने कहा, ‘यह न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि बहुत निंदनीय है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि को सभी के सामने निर्दयता से पीटा गया.’
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा, ‘आज (शनिवार) किसानों ने अबोहर से भाजपा विधायक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रतिकूल परिस्थितियों में यह हिंसक हो गया और विधायक पर हमला किया गया.’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘यह खेद की बात है कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार किया गया. हम इस तरह के व्यवहार को प्रोत्साहित नहीं करते हैं. हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं.’
पाल ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा सभी प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण और अनुशासित रहने की अपील करता है.
पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने इस घटना की निंदा की.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि इस तरह के गैरकानूनी व्यवहार का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है और किसानों का प्रदर्शन इन घटनाओं से कमजोर होगा.
उन्होंने हमले को अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सभी को अपने विचार रखने की अनुमति दी जानी चाहिए और प्रत्येक नागरिक को एक दूसरे के बोलने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि किसी को भी कानून और व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इस घटना को लेकर अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इससे ‘यह उजागर हो गया है कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है.’
उन्होंने इस घटना को नारंग पर जानलेवा हमला करार देते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस पर इसका षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया.
उन्होंने आरोप लगाया कि अमरिंदर सिंह ‘भाजपा की आवाज़ को दबाने के लिए इस तरह के हमलों को भड़का रहे हैं.’ चुघ ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की.
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने नारंग पर हिंसक हमले की निंदा की और एक निर्वाचित प्रतिनिधि की रक्षा करने में पुलिस की विफलता के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए एक निष्पक्ष जांच की मांग की.
उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील की, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव में खलल न पड़े.
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के साथ लगती दिल्ली की सीमाओं पर गत नवंबर से हजारों किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वे कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष प्रवीण बंसल का बरनाला में कथित तौर पर किसानों द्वारा घेराव किया गया है, जिसकी वजह से उन्हें कुछ समय तक सर्किट हाउस के अंदर रहने पर मजबूर होना पड़ा.
भाजपा ने मुक्तसर में अपने विधायक पर हमले के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया
नई दिल्ली: भाजपा ने पंजाब में अपने विधायक अरुण नारंग पर हमले के लिए शनिवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.
एक बयान में भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने विधायक के साथ किए गए दुर्व्यवहार को बर्बरतापूर्ण और दुखद बताया.
पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘भाजपा इस घटना की निंदा करती है जो कांग्रेस सरकार के संरक्षण में हुई. कांग्रेस की अमरिंदर सिंह सरकार इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)