विधानसभा चुनाव राउंडअप: निर्वाचन आयोग ने हिंसा की ख़बरों के बीच पश्चिम बंगाल के सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 126 पर मतदान स्थगित कर दिया. ममता बनर्जी ने सीतलकूची में केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलीबारी की घटना के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफ़ा मांगा, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीएमसी पर चुनावों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाया.
सीतलकूची/नई दिल्ली/सिलीगुड़ी/कोलकाता/गुवाहाटी/जयपुर: पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने कथित तौर पर गोलीबारी की जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की ‘राइफलें छीनने की कोशिश की.’
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची इलाके में तब हुई जब मतदान चल रहा था.
उन्होंने बताया, ‘प्रारंभिक जानकारी के अनुसार एक गांव में अपने ऊपर हुए हमले के बाद सीआईएसएफ जवानों ने गोलीबारी की जिसमें चार लोग मारे गए. वहां झड़प हुई और स्थानीय लोगों ने उनका घेराव कर दिया और उनकी राइफलें छीनने की कोशिश की जिसके बाद केंद्रीय बलों ने गोलियां चलाई. विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.’
टीएमसी ने दावा किया कि मारे गए चार लोग उसके समर्थक थे. यह पूछे जाने पर कि क्या सीआईएसएफ जवानों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है, इस पर अधिकारी ने कहा, ‘इसका फैसला निर्वाचन आयोग करेगा. हमारी रिपोर्टों के अनुसार उन्होंने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई.’
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह घटना माथाभंगा मतदान केंद्र पर सुबह करीब नौ बजकर 40 मिनट पर हुई.
एक सूत्र ने बताया, ‘लोगों के एक समूह ने मतदाताओं को वोट डालने से रोकने के लिए पथराव शुरू कर दिया और उनकी हमारे बलों तथा वहां तैनात स्थानीय पुलिस के साथ झड़प हुई.’
सूत्रों ने बताया कि भीड़ द्वारा त्वरित कार्रवाई दल (क्यूआरटी) का वाहन क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने हवा में गोली चलाई.
उन्होंने बताया कि बाद में सुरक्षाकर्मियों ने ‘आत्मरक्षा और बूथ तथा मतदान कर्मियों की रक्षा’ में गोलियां चलाई जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि तीन-चार अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए.
निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने घटना पर जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. चार शव नजदीक के एक अस्पताल में ले जाए गए.
इससे पहले सुबह सीतलकूची निर्वाचन क्षेत्र में ही एक मतदान केंद्र के बाहर अज्ञात लोगों ने पहली बार वोट डालने आए एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी.
भाजपा के कूचबिहार से सांसद निशीथ प्रमाणिक ने टीएसमी समर्थकों पर बूथ पर हमला करने का आरोप लगाया. प्रमाणिक दिनहाटा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘टीएमसी के गुंडों ने बूथ को लूटने के इरादे से उस पर हमला किया. संभवत: केंद्रीय बलों ने आत्म रक्षा में गोलियां चलाई.’
सीतलकूची में मतदान केंद्र संख्या 126 पर मतदान स्थगित करने का दिया आदेश
निर्वाचन आयोग ने हिंसा की खबरों के बीच शनिवार को पश्चिम बंगाल में सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 126 पर मतदान स्थगित करने का आदेश दिया.
आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि विशेष पर्यवेक्षकों की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया है. विशेष पर्यवेक्षकों और राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शाम पांच बजे तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है.
उन्होंने कहा, ‘आयोग विशेष पर्यवेक्षकों की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कूच बिहार के सीतलकूची एसी (विधानसभा क्षेत्र) के पीएस (मतदान केंद्र) 126 पर मतदान स्थगित करने का आदेश देता है. उनसे और राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शाम पांच बजे तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है.’
सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र के अमताली माध्यमिक शिक्षा केंद्र (मतदान केंद्र संख्या 126) पर मतदान स्थगित कर दिया गया है.
एक सूत्र ने बताया कि तय प्रक्रिया के तहत आगामी दिनों में पुनर्मतदान का आदेश दिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि कूचबिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों के हमले के बाद केन्द्रीय पुलिस बल ने कथित तौर पर गोलियां चलाईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने बल के जवानों की ‘राइफलें छीनने की कोशिश की.’ इसी घटना के मद्देनजर आयोग ने यह फैसला किया है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना सीतलकूची में हुई, जब मतदान चल रहा था.
उन्होंने बताया, ‘प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार एक गांव में बल के जवानों पर हमला किया गया, जिसके बाद उन्होंने गोलीबारी की, जिसमें चार लोग मारे गए.’
कूच बिहार हिंसा: ममता बनर्जी ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा, बंगाल में विरोध-प्रदर्शन करेगी तृणमूल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूच बिहार के सीतलकूची में केंद्रीय सुरक्षा बलों की गोलीबारी में शनिवार को चार लोगों के मारे जाने की घटना के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा मांगा.
बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के बादुड़िया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह रैलियां करने के बाद कूच बिहार रवाना होंगी और उस स्थल का दौरा करेंगी, जहां विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों ने मतदान के दौरान गोलीबारी की.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने कहा, ‘शाह को इस नीच, नृशंस एवं अप्रत्याशित घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए.’ उन्होंने लोगों से शांत रहने की अपील की.
पुलिस ने कहा कि कूचबिहार जिले में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने कथित तौर पर गोलीबारी की, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की ‘राइफल छीनने की कोशिश कीं.’
बनर्जी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस घटना के विरोध में रविवार को पूरे राज्य में रैलियां करेगी और उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपराह्न दो से अपराह्न चार बजे तक काले बैज पहनकर शांतिपूर्वक विरोध- प्रदर्शन करने को कहा.
उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात की लंबे समय से आशंका थी कि बल इस प्रकार की कार्रवाई करेंगे. भाजपा जानती है कि उसने जनाधार खो दिया है, इसलिए वह लोगों को मारने का षड्यंत्र रच रही है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह शाह की रची साजिश का हिस्सा था.
बनर्जी ने कहा, ‘बहरहाल, मैं सभी से शांत रहने और शांतिपूर्ण तरीके से मतदान करने की अपील करूंगी. उन्हें हराकर मौत का बदला लें.’
इस बीच, तृणमूल नेता एवं लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी निर्दोष लोगों पर केंद्रीय बलों द्वारा बिना उकसावे के गोलीबारी की निंदा करती है.
रॉय ने कहा, ‘हम गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हैं. हम चाहते हैं कि निर्वाचन आयोग गोलीबारी की वीडियो फुटेज दिखाए, ताकि लोगों को सच पता चल सके.’
तृणमूल नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं शाह पश्चिम बंगाल चुनाव में अपनी आसन्न हार को स्वीकार नहीं कर सकते. यह (गोलीबारी) अमित शाह के कहने पर की गई है.’
मुखर्जी ने कहा कि यह ‘आमजन में घबराहट पैदा करने के लिए सोची समझी साजिश के तहत की गई हत्या’ थी, ताकि लोग आगामी चरणों में मतदान करने नहीं जा सकें. उन्होंने कहा कि बनर्जी मृतकों के घर जाएंगी.
मुखर्जी ने कहा, ‘तृणमूल इन दु:खी परिवारों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी.’ इससे पहले, बनर्जी ने कहा कि इस चुनाव में मारे गए लोगों की संख्या तीन साल पहले हुए पंचायत चुनाव से कहीं अधिक है.
उन्होंने कहा, ‘यदि आप चुनाव की शुरुआत होने से लेकर अब तक मारे गए लोगों की कुल संख्या की गिनती करें, तो करीब 17-18 लोग मारे जा चुके हैं. कम से कम 12 लोग केवल हमारी पार्टी के थे.’
मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर चुनावी हिंसा का आरोप लगाया, कूचबिहार में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूचबिहार जिले में शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान हुई हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की और निर्वाचन आयोग से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. साथ ही उन्होंने राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर चुनावों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाया.
यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों पर आड़े हाथों लेते उन पर लोगों को केंद्रीय सुरक्षाबलों के खिलाफ उकसाने और चुनाव प्रक्रिया में रोड़े अटकाने का आरोप भी लगाया.
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि तीन चरणों में बंपर मतदान से साफ हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार जा रही है और भाजपा की सरकार आ रही है.
उन्होंने कहा, ‘इस बीच, कूचबिहार में जो हुआ है, वह बहुत ही दुखद है. जिन लोगों की मृत्यु हुई है, मैं उनके निधन पर दुख जताता हूं. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है.’
मोदी ने कहा, ‘भाजपा के पक्ष में जन समर्थन देखकर ‘दीदी’ और उनके गुंडों में बौखलाहट हो रही है. अपनी कुर्सी जाते देख दीदी इस स्तर पर उतर आई हैं, लेकिन मैं दीदी को, टीएमसी को और उनके गुंडों को साफ-साफ कह देना चाहता हूं कि अब उनकी मनमानी बंगाल में नहीं चलने दी जाएगी.’
प्रधानमंत्री ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया, ‘कूचबिहार में जो हुआ, उसके दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो.’
ज्ञात हो कि कूचबिहार जिले के सीतलकूची में शनिवार को स्थानीय लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने कथित तौर पर गोलियां चलाई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई. ऐसा आरोप है कि स्थानीय लोगों ने सीआईएसएफ जवानों की ‘राइफलें छीनने की कोशिश की.’
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर लोगों को केंद्रीय सुरक्षाबलों के खिलाफ उकसाने और चुनाव प्रक्रिया में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया और कहा ऐसे तरीकों से भी ममता बनर्जी की सरकार बचने वाली नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘आपके 10 सालों के ‘कुकर्मों’ से, ये हिंसा आपकी रक्षा नहीं कर सकती. दीदी, इस हिंसा से…सुरक्षा बलों के खिलाफ लोगों को उकसाने और चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने से, आपकी सरकार बचने वाली नहीं है. दीदी लोगों से उन सुरक्षा बलों पर हमले करने और घेराव करने को कह रही हैं जो आपके अधिकारों की रक्षा करने के लिए यहां हैं.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10 साल पहले बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी को बंगाल की सेवा का बेहतरीन अवसर दिया था लेकिन उन्होंने इतने स्वर्णिम अवसर को गंवा दिया और बंगाल को ‘बर्बाद’ कर दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि 10 साल तक गरीबों को सताने वाले ‘गुंडों, हत्यारों और लुटेरे तोलाबाजों’ पर ‘दीदी’ को गुस्सा नहीं आया, लेकिन वह उन सुरक्षाबलों पर गुस्सा कर रही हैं जो बंगाल के लोगों के अधिकार की रक्षा कर रहे हैं.’
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनावों की तरह ‘दीदी के गुंडे’, ‘छप्पा वोट’ (फर्जी मतदान) नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए ममता बनर्जी उनसे नाराज हैं और उन्हें गालियां दे रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘अब वह अपनी रैलियों में छप्पा वोट की ट्रेनिंग देने लगी हैं. एक राज्य की मुख्यमंत्री, 10 साल सरकार में रहने के बाद सिखा रही हैं कि कैसे सुरक्षा बलों का घेराव करना है? कैसे सुरक्षा बलों को पीटना है? कैसे उनपर हमला करना है, यह सब बताया जा रहा है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बहादुर सुरक्षा बल जो आतंकवादियों और नक्सलियों से नहीं डरते, वह ‘दीदी के गुंडों’ और उनकी धमकियों से नहीं डरने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि बंगाल में दशकों से जिस तरह का राजनीतिक वातावरण बना दिया गया है, वो बदलने का समय आ गया है.
उन्होंने कहा ‘दीदी, आप बंगाल के लोगों की भाग्य विधाता नहीं हैं और बंगाल के लोग आपकी जागीर नहीं हैं. आपको जाना ही होगा, यह बंगाल की जनता ने ठान लिया है. उसके बाद तोलाबाज, सिंडिकेट और कटमनी मुक्त बंगाल बनेगा.’
उत्तर बंगाल को देश की सुरक्षा के लिए ‘बहुत अहम’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि देश के भीतर बैठी कुछ ताकतों वहां की सुरक्षा को चुनौती दे रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति ने इस क्षेत्र की जो हालत की है… केंद्र सरकार ऐसी ताकतों से सख्ती से निपट रही है. बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद क्षेत्र से ऐसी हर ताकत को हटाया जाएगा, जिसे टीएमसी ने लाकर बसाया है. भाजपा सरकार आपके अधिकारों और आपकी पहचान की रक्षा करेगी.’
एक वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ममता बनर्जी ने गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को उनका जायज हक नहीं दिया.
बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले: एडीआर
चुनावों पर निगरानी रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में किस्मत आजमा रहे कुल 318 उम्मीदवारों में से एक-चौथाई प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
पश्चिम बंगाल इलेक्शन वॉच और एडीआर ने सभी 318 उम्मीदवारों के स्वघोषित हलफनामों का विश्लेषण किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘318 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 79 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है और 64 (20 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.’
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 45 में से 28 (62 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 42 में से 18 (43 प्रतिशत), माकपा के 25 में से 10 (10 प्रतिशत) और कांग्रेस के 11 में से 2 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
इसी तरह भाजपा के 45 में से 23 (51 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 42 में से 16₨ (38 प्रतिशत), माकपा के 28 में से 7 (28 प्रतिशत) और कांग्रेस के 11 में से 1 (9 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
रिपोर्ट कहती है कि एक उम्मीदवार ने बलात्कार से जुड़े मामले दर्ज होने की घोषणा की है, नौ उम्मीदवारों ने हत्या से जुड़े तथा 20 ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की बात कही है.
चुनाव के बाद ममता बनर्जी के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं: अधीर चौधरी
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने राज्य विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश मिलने की स्थिति में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने या बनर्जी से समर्थन लेने की संभावना को पूरी तरह खारिज किया है.
बनर्जी पर चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए चौधरी ने दावा किया कि सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या बल नहीं होने की स्थिति में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा हाथ मिला सकते हैं.
चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘भाजपा एवं सांप्रदायिक राजनीति ममता बनर्जी के कारण ही पश्चिम बंगाल में पैर जमा सके हैं. चुनाव बाद, बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में तृणमूल को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘इसी तरह, कांग्रेस-वाम-आईएसएफ संयुक्त मोर्चा द्वारा सरकार बनाने के लिए बनर्जी का समर्थन मांगने की भी कोई संभावना नहीं है. चुनाव के बाद बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने की स्थिति में तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी तरह के गठबंधन की कोई संभावना नहीं है.’
चौधरी से जब पूछा गया कि तृणमूल कांग्रेस को समर्थन देने से कांग्रेस और वाम मोर्चा के इनकार से क्या भाजपा को फायदा पहुंचेगा तो उन्होंने कहा, ‘इस तरह के परिदृश्य में आप देखेंगे कि तृणमूल और भाजपा सरकार बनाने के लिए हाथ मिला लेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘जिस तरह पुरानी शराब का स्वाद बढ़ जाता है उसी तरह पुराने मित्र विश्वासपात्र होते हैं. तृणमूल और भाजपा गठबंधन सहयोगी रह चुके हैं, वे हाथ मिला लेंगे. वे एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह हैं.’
ममता बनर्जी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विपक्षी दलों के नेताओं से समर्थन मांगने के लिए पत्र लिखे जाने पर चौधरी ने चुटकी ली.
उन्होंने कहा, ‘बीते दस वर्षों में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को जानबूझ कर नुकसान पहुंचाया जबकि कांग्रेस ने सत्ता में आने में उनकी मदद की. अब विडंबना देखिए, वह इतनी घबरा गईं कि उन्होंने उसी कांग्रेस के आगे आत्मसमर्पण कर दिया जिसे उन्होंने राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की थी.’
वाम दल को सत्ता से बाहर करने के लिए 2011 में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस से हाथ मिलाए थे हालांकि बाद में यह गठबंधन टूट गया था.
चौधरी ने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व तृणमूल के राजनीतिक चरित्र से भलीभांति वाकिफ है. पहले तृणमूल ने कहा था कि कांग्रेस में दम नहीं बचा है लेकिन अब वह हमारे आगे हाथ फैला रही हैं.’
बनर्जी को आरएसएस-भाजपा की ‘सबसे बड़ी और सर्वाधिक भरोसेमंद’ सहयोगी बताते हुए चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा विरोधी ताकत के रूप में भरोसे लायक नहीं है और अब समय आ गया है जब तृणमूल के ‘कुशासन’ को विदा कर दिया जाए.
असम में चार मतदान केंद्रों पर 20 अप्रैल को पुन: मतदान कराने का आदेश
निर्वाचन आयोग ने असम के चार मतदान केंद्रों पर 20 अप्रैल को दोबारा मतदान कराने का शनिवार को आदेश दिया है.
आयोग ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि 20 अप्रैल को रताबाड़ी, सोनाई और हाफलोंग क्षेत्रों के चार मतदान केंद्रों पर दोबारा मत डाले जाएंगे.
पत्र में कहा गया है, ‘आयोग ने एक अप्रैल को इन मतदान केंद्रों पर डाले गए मतों को अमान्य घोषित कर दिया है.’
असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में एक अप्रैल को मतदान हुआ था.
आयोग के आदेश में कहा गया है कि भाजपा उम्मीदवार की पत्नी से संबंधित कार में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मिलने के बाद रताबाड़ी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में स्थित इंदिरा एमवी स्कूल में मतदान केन्द्र संख्या 149 पर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे.
गौरतलब है कि हाफलोंग विधानसभा क्षेत्र में कोठलिर एलपी स्कूल में मतदान केन्द्र संख्या 107 (ए) में 90 मतदाता ही मतदान के लिये पंजीकृत थे, लेकिन वहां कुल 171 वोट डाले गए.
सोनाई विधानसभा क्षेत्र में स्थित मध्य धनेहोरी एलपी स्कूल में मतदान केन्द्र संख्या 463 पर भी नए सिरे से मतदान कराने का आदेश दिया गया है, जहां गोलीबारी की घटना में कम से कम तीन लोग घायल हो गए थे.
असम: कांग्रेस-एआईयूडीएफ के 20 उम्मीदवारों के राजस्थान में होने पर कांग्रेस ने कहा- पार्टी के उम्मीदवार नहीं
असम विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही खरीद-फरोख्त की किसी भी आशंका से बचने के लिए कांग्रेस ने अपने गठबंधन के करीब 20 ऐसे उम्मीदवारों को जयपुर पहुंचा दिया है जिनकी जीत की वह उम्मीद लगा रही है. राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ने इस बारे में बताया.
हालांकि, असम विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता ने इस संबंध में मीडिया में आयी खबरों को खारिज किया और दावा किया कि पार्टी के सारे उम्मीदवार राज्य में हैं.
सूत्रों ने बताया कि राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाहरी इलाके में दिल्ली राजमार्ग के पर एक निजी होटल में उम्मीदवारों को ठहराया गया है, उनमें एआईयूडीएफ के उम्मीदवार ज्यादा हैं.
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया, ‘शुक्रवार को असम से करीब 20 उम्मीदवारों को जयपुर भेजा गया है.’
असम कांग्रेस विधायक दल के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि जयपुर गयी उड़ान में कांग्रेस के एक भी उम्मीदवार नहीं थे. उन्होंने दावा किया, ‘सारे उम्मीदवार अभी असम में ही हैं.’
उन्होंने कहा कि अगर एआईयूडीएफ के उम्मीदवार राजस्थान गए हों तो उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है.
असम में कांग्रेस की अगुवाई वाले ‘महाजोत’ में एआईयूडीएफ, बीपीएफ, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), आंचलिक गण मोर्चा और राजद शामिल हैं. प्रदेश में तीन चरणों में मतदान संपन्न हो चुका है. मतगणना दो मई को होगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)