विधानसभा चुनाव राउंड-अप: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग कूच बिहार जैसी और घटनाओं की पुनरावृत्ति की धमकी दे रहे हैं, उन्हें राजनीतिक तौर पर पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि कूच बिहार में हुई हिंसा फ़र्ज़ी मतदान कराने के ममता के ‘मास्टर प्लान’ का हिस्सा थी. अमित शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस एनआरसी पर फ़ैला रही झूठ, गोरखा समुदाय पर असर नहीं पड़ेगा. तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष का दावा राज्य में अन्नाद्रमुक नीत मोर्चा जीतेगा.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा कूच बिहार की घटना दोहराए जाने के संबंधी बयान देने के एक दिन बाद सोमवार को भाजपा के एक नेता राहुल सिन्हा ने कहा है कि केंद्रीय बलों को चार नहीं बल्कि आठ लोगों को गोली मारनी चाहिए थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हाबरा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी राहुल सिन्हा ने कथित तौर पर सोमवार को कहा कि कूच बिहार के सीतलकूची में केंद्रीय बलों द्वारा चार लोगों को नहीं, बल्कि आठ लोगों को गोली मारी जानी चाहिए थी.
अपने विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा, ‘चार नहीं, सीतलकूची में आठ लोगों को गोली मारी जानी चाहिए थी. क्यों केंद्रीय बलों ने चार लोगों की हत्या की, क्योंकि इसकी वजह से प्रदर्शन होना चाहिए. भाजपा का समर्थन करने के कारण एक पोलिंग स्टेशन पर एक 18 साल के लड़के की गोली मारकर हत्या कर दी गई. और उनकी नेता ममता बनर्जी थीं.’
सिन्हा ने आगे कहा, ‘ममता बनर्जी उनकी नेता हैं, जो लोगों को मतदान करने से रोकने के लिए गलत हथकंडे अपना रहे हैं. इसलिए ममता के दिन खत्म हो गए है. बदमाश लोग अपनी सत्ता स्थापित कर लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि सीतलकूची में हुआ. केंद्रीय बलों ने सही तरीके से जवाब दिया. अगर ऐसा फिर होता है तो वे फिर जवाब देंगे.’
तृणमूल कांग्रेस नेता और बंगाल के मंत्री ज्योति प्रिय मलिक ने भाजपा नेता के इस बयान को लेकर निंदा करते हुए कहा कि चुनाव आयोग को इस पार्टी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.
मलिक ने कहा, ‘भाजपा बर्बर, असभ्य और हिंसक पार्टी है. चुनाव आयोग को इस पार्टी पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए.’
इससे पहले पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि अगर ‘सीतलकूची में मारे गए शरारती लड़कों की तरह’ किसी ने कानून हाथ में लेने का प्रयास किया तो विधानसभा चुनावों के अगले चरण में भी कूचबिहार की तरह हत्याएं हो सकती हैं.
घोष ने कहा था, ‘सीतलकूची में शरारती लड़कों को गोली लगी. अगर कोई भी अपने हाथ में कानून लेने का दुस्साहस करता है तो उसके साथ भी ऐसा ही होगा.’ उन्होंने ‘शरारती लड़कों’ के बारे में विस्तार से नहीं बताया.
उत्तर 24 परगना जिले के बारानगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि जिन शरारती लड़कों ने समझ रखा था कि केंद्रीय बलों की राइफलें चुनावी ड्यूटी के दौरान केवल दिखावे के लिए हैं, ऐसे लोग सीतलकूची की घटना देखने के बाद यह गलती दोहराने की हिम्मत नहीं करेंगे.
चौथे चरण के मतदान के दौरान कूच बिहार जिले के सीतलकूची क्षेत्र के जोरपाटकी गांव में कथित तौर पर स्थानीय लोगों की तरफ से केंद्रीय बलों पर कथित हमले और उसके बाद जवानों द्वारा की गई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने तब फायरिंग की जब गांववालों ने एक 12 साल के बच्चे पर सीआईएसएफ जवानों द्वारा हमले की अफवाह के बाद उन्हें घेर लिया था.
इस घटना से राजनीतिक तूफान आ गया है. केंद्रीय बल का दावा है कि गोली ‘आत्मरक्षा’ में चलाई गई है. वहीं टीएमसी ने इसे मतदाताओं को डराने के लिए सोच-समझकर की गई हत्या बताया है.
बंगाल भाजपा अध्यक्ष घोष ने कहा था, ‘17 अप्रैल को भी (पांचवें चरण के चुनाव के दिन) केंद्रीय बल मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे. अगर उन्होंने अपने हाथ में कानून लेने का प्रयास किया तो सीतलकूची की तरह घटनाएं हो सकती हैं.’
उनके बयान से विरोध शुरू हो गया और तृणमूल कांग्रेस ने उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की.
टीएमसी के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने संवाददाताओं से कहा, ‘इस तरह के भड़काऊ बयान के लिए हम उनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग करते हैं जिससे गोली चलाना पसंद करने वाले बलों का मनोबल बढ़ेगा और मतदाताओं की सुरक्षा को खतरा होगा.’
यादवपुर सीट से माकपा के उम्मीदवार और वाम मोर्चा के नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा, ‘दिलीप घोष गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं. उनके बयान से भाजपा का फासीवादी चेहरा उजागर होता है.’ घोष पहले भी कई विवादास्पद बयान दे चुके हैं.
वहीं, दिलीप घोष के बाद पश्चिम बंगाल भाजपा के एक अन्य नेता ने कूच बिहार घटना के संबंध में विवादित टिप्पणी की है.
कूच बिहार जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की धमकी दे रहे लोगों पर प्रतिबंध लगाया जाए: ममता
राणाघाट: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के भाजपा नेताओं पर सोमवार को निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कूच बिहार जैसी और घटनाओं की पुनरावृत्ति की धमकी दे रहे हैं, उन्हें राजनीतिक तौर पर पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वे नेता किस तरह के इंसान हैं, जो यह कहते हैं कि सीतलकूची जैसी और घटनाएं होंगी और मृतक संख्या अधिक होनी चाहिए थी.
नदिया जिले के राणाघाट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘कुछ नेता सीतलकूची जैसी और घटनाओं की धमकी दे रहे हैं, जबकि अन्य कह रहे हैं कि मृतक संख्या अधिक होनी थी. ऐसी प्रतिक्रियाएं देखकर मैं हैरान हूं, सकते में हूं. ये नेता करना क्या चाहते हैं? उन्हें राजनीतिक तौर पर प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.’
बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को मारकर उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर रही है, ताकि तृणमूल का नाम खराब किया जा सके.
उन्होंने कहा, ‘सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की हत्या की साजिश रचने से पहले हत्यारों की पार्टी भाजपा ने एक राजबंगशी (समुदाय के) भाई को मार डाला.’
सीआईएसएफ की गोलीबारी में मारे गए चार लोगों के अलावा सीतलकूची क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने एक मतदान केंद्र के बाहर एक व्यक्ति को गोली मार दी थी.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि बनर्जी ने केवल उन्हीं चार लोगों को श्रद्धांजलि दी, जो सीआईएसएफ गोलीबारी में मारे गए क्योंकि वे अल्पसंख्यक समुदाय से थे.
भाजपा पर मतदान के दिन युवा मतदाताओं की हत्या की घटना का सांप्रदायीकरण करने का आरोप लगाते हुए बनर्जी ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के लोगों को विभाजित करने के अपने नापाक खेल में आप कामयाब नहीं हो सकते. यह उत्तर प्रदेश या गुजरात नहीं है.’
बनर्जी ने आरोप लगाया कि शाह ने कूच बिहार की घटना की साजिश रची और इसकी पूरी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को थी. उन्होंने कहा, ‘सत्ता में लौटने के बाद मैं घटनाक्रम की कड़ियों, इसमें लिप्त लोगों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दूंगी. यह जानने के लिए कि यह सब शुरू कैसे हुआ, क्या इसके पीछे कोई अफवाह थी.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा ने असम में 14 लाख बंगालियों को हिरासत केंद्रों में भेजा. पश्चिम बंगाल में वह सत्ता में आ गई, तो आपका भी यही हाल होगा.’
‘क्लीन बोल्ड’ हुईं दीदी की पारी समाप्त, दो मई, दीदी गई: मोदी
वर्द्धमान/कल्याणी/बारासात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्य में ताबड़तोड़ चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में ‘क्लीन बोल्ड’ हो गईं और चार चरणों का मतदान संपन्न होने के बाद उनकी पारी भी समाप्त हो गई.
वर्द्धमान में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर हमला बोला तो कल्याणी पहुंचने पर उन्होंने कूच बिहार की हिंसा को ‘दीदी’ के ‘मास्टर प्लान’ का हिस्सा बता दिया और फिर बारासात में दिन की आखिरी रैली में आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनावों की तरह वह इस बार भी विधानसभा चुनावों में हिंसा और अशांति फैलाकर ‘लोकतंत्र को लूटने’ की साजिश रच रही हैं.
इन रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री ने एक तृणमूल कांग्रेस नेता द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों के कथित अपमान का मुद्दा भी उठाया, मतुआ संप्रदाय के लोगों को साधने और साथ ही महिला मतदाताओं को भी सुरक्षा का वादा कर उन्हें लुभाने की कोशिश की.
दिन की पहली रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है ममता बनर्जी की कड़वाहट, उनका क्रोध और उनकी बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है.
मोदी ने कहा, ‘ऐसा इसलिए है क्योंकि बंगाल ने आधे चुनावों में ही तृणमूल कांग्रेस को पूरा साफ कर दिया है. अब तक हुए मतदान के चार चरणों में बंगाल की जनता ने इतने चौके-छक्के मारे कि भाजपा की सीटों की ‘सेंचुरी’ हो गई है. जो आपके साथ खेला करने की सोच रहे थे, उन्हीं के साथ खेला हो गया है.’
प्रधानमंत्री ने दावा किया, ‘नंदीग्राम में बंगाल के लोगों ने दीदी को ‘क्लीन बोल्ड’ कर दिया. यानी बंगाल में दीदी की ‘पारी’ समाप्त हो चुकी है. बंगाल के लोगों ने उन्हें मैदान से बाहर जाने को कह दिया है.’
मोदी ने कहा, ‘बंगाल की जो जनता है, वो काफी दूरदृष्टा है. दीदी तैयारी करके बैठी थीं कि पार्टी की कप्तानी भाइपो (भतीजे अभिषेक बनर्जी) को सौंपेंगी, लेकिन दीदी का ये ‘खेला’ भी जनता ने समय रहते समझ लिया. इसलिए दीदी का सारा ‘खेला’ धरा का धरा रह गया.’
उन्होंने कहा कि बंगाल का इतिहास रहा है कि जो दल यहां की सत्ता से एक बार बाहर गया वह कभी लौट कर नहीं आया और मुख्यमंत्री बनर्जी इससे भलीभांति वाकिफ हैं.
मोदी ने कहा, ‘एक बार यहां से कांग्रेस गई, कभी वापस नहीं आई. वामपंथी गए, कभी वापस नहीं आए. दीदी, आप भी एक बार हार गईं, तो कभी वापस नहीं आएंगी. तृणमूल कांग्रेस की बहुत बड़ी हार होने जा रही है.’
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस पर राज्य के दलितों का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि दलितों का अपमान कर तृणमूल कांग्रेस ने ‘बहुत बड़ी भूल’ की है.
बिहार के किशनगंज जिले के नगर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की पश्चिम बंगाल में हत्या और उसके बाद उनकी 75 वर्षीया मां उर्मिला देवी के पुत्र वियोग में दम तोड़ देने की घटना और बंगाल की बुजुर्ग शोवा मजूमदार की मौत का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी पर हमला बोला और कहा कि वह इतनी ‘कठोर और निर्मम’ हैं, इसका अंदाजा बंगाल की किसी मां को नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘मां, माटी और मानुष की बात करने वाली तृणमूल कांग्रेस का मार्ग मां को सताओ, माटी को लूटो और मानुष का रक्त बहाओ का रहा है. कूचबिहार में जिनकी मृत्यु हुई, वह भी किसी मां के बेटे थे, लेकिन ममता दीदी की नीतियों ने कितनी ही मांओं से उनके बेटे छीन लिए. दीदी की ‘मां माटी मानुष’ की यही नीति है.’
कल्याणी की रैली में भी प्रधानमंत्री के निशाने पर ममता बनर्जी ही रही. उन्होंने कहा, ‘दीदी के नेता खुलेआम बंगाल के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को गालियां देने लगे हैं, क्योंकि वे भाजपा का समर्थन करते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘दीदी की साजिश है, इन वर्गों के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा वोट (फर्जी मतदान) डलवाना. खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा वोट डालेंगे. चर्चा है कि कूच बिहार में जो हुआ, वो दीदी के इसी छप्पा वोट मास्टर प्लान का हिस्सा था.’
बारासात की रैली में प्रधानमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के राज में घुसपैठियों को ‘खुली छूट’ दी गई और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की गई. उन्होंने राज्य की जनता से वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने के बाद तृणमूल कांग्रेस के हर अन्याय और अत्याचार का चुन-चुन कर हिसाब लिया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि राज्य के कोने-कोने से एक ही आवाज आ रही है तथा हर जाति, मत, संप्रदाय और मजहब के लोगों का एक ही संकल्प नजर आ रहा है और वह है, ‘दो मई, दीदी गई’.
अनुसचित जाति वर्ग के कथित अपमान के खिलाफ बंगाल में भाजपा चलाएगी अभियान
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में शेष बचे चार चरणों के मतदान के मद्देनजर भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को और तेज करने का फैसला किया है और इस बार उसने तृणमूल कांग्रेस के एक नेता द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करने को मुद्दा बनाते हुए वहां की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है.
उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस की नेता और अलीबाग सीट से प्रत्याशी सुजाता मंडल खान ने पिछले दिनों कथित तौर पर अनुसूचित जाति के लोगों की तुलना भिखारियों से की थी.
भाजपा महासचिव दुष्यंत गौतम के नेतृत्व में पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया और एक ज्ञापन सौंपकर सुजाता मंडल खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल, हंसराज हंस और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चे के अध्यक्ष लालसिंह आर्य भी शामिल थे.
तृणमूल कांग्रेस को ‘दलित विरोधी’ करार देते हुए गौतम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ भाजपा व्यापक विरोध प्रदर्शन अभियान चलाएगी.
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (खान) जो कहा है वह बहुत ही अपमानजनक है. उन्होंने कहा था कि अनुसूचित जाति स्वभाव से भिखारी है. अनुसूचित जाति के लोग हमारी कल्याणकारी नीतियों की वजह से भाजपा का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने जो कहा वह तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मानसिकता को दर्शाता है.’
बनर्जी पर हमला करते हुए गौतम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अनुसूचित जाति आयोग भी नहीं है कि लोग वहां जाकर शिकायत कर सके. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है इसलिए उसे सभी का समर्थन मिल रहा है.
इससे पहले भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से भी की थी.
पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग से कहा था कि खान की टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता, भारतीय दंड संहिता एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न रोकथाम) अधिनियम का उल्लंघन हैं.
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान संपन्न होना है. चार चरण के मतदान हो चुके हैं जबकि चार चरण अभी बाकी है. दो मई को चुनावी नतीजे आएंगे.
तृणमूल कांग्रेस एनआरसी पर फैला रही झूठ, गोरखा समुदाय पर असर नहीं पड़ेगा: शाह
कलिम्पोंग/धूपगुड़ी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर पहाड़ के लोगों के बीच झूठ फैलाकर डर पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि गोरखा समुदाय पर इसका असर नहीं पड़ेगा.
कलिम्पोंग में एक रोडशो के बाद शाह ने कहा कि जब तक केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है, गोरखा लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी.
भाजपा के वरिष्ठ नेता शाह ने कहा, ‘एनआरसी अभी लागू नहीं हुआ है, लेकिन जब भी ऐसा होगा, एक भी गोरखा को जाने के लिए नहीं कहा जाएगा.’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस गोरखा लोगों के बीच डर पैदा करने के लिए एनआरसी पर झूठ फैला रही है.’
शाह ने दावा किया कि दार्जिलिंग और कलिम्पोंग को लंबे समय से अत्याचार झेलना पड़ रहा है और 1986 में 1200 से ज्यादा गोरखा लोगों की जान गई, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला.
गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि हालिया समय में कई गोरखा लोगों की मौत के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार भी जिम्मेदार है.
‘जय श्री राम’ और ‘जय गोरखा’ के नारों के बीच शाह ने कहा, ‘हम एक एसआईटी गठित करेंगे और गलत करने वाले जिम्मेदार लोगों को जेल भेजेंगे.’
दार्जिलिंग और इसके आसपास के इलाके में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर 1986 और 2017 में कई आंदोलन हुए.
शाह ने लोगों से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शानदार विदाई देने के लिए कहते हुए भाजपा को 200 से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने की अपील की.
अपना इस्तीफा तैयार रखने की बात कहते हुए गृह मंत्री ने रैली में लोगों से पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि चौथे चरण के मतदान के दौरान सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के मद्देनजर वह त्याग पत्र दे दें. शाह ने कहा, ‘अगर लोग चाहेंगे तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’
धूपगुड़ी में पांचवे चरण में शनिवार को मतदान होगा.
तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक नीत मोर्चा जीतेगा: भाजपा नेता
तिरुपति: भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल. मुरुगन ने सोमवार को भरोसा जताया कि अन्नाद्रमुक नीत गठबंधन विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगा और राज्य में सरकार बनाएगा.
तिरुपति लोकसभा सीट पर आगामी उपचुनाव में पार्टी की प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने आए मुरुगन ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा-अन्नाद्रमुक गठबंधन 234 में से काफी सीटों पर जीत दर्ज कर तमिलनाडु में सरकार बनाएगा.
जनमत सर्वेक्षणों (ओपिनियन पोल) में द्रमुक नीत गठबंधन को जीत मिलने की बात को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि दो मई को विधानसभा चुनावों के परिणाम के दिन सही तस्वीर राजग के पक्ष में होगी. उन्होंने दावा किया कि भाजपा तमिलनाडु में उन सभी 20 सीटों पर जीत हासिल करेगी, जिन पर उसके प्रत्याशी खड़े हैं.
भाजपा नेता ने कोविड-19 की दूसरी लहर से लड़ने के तमिलनाडु सरकार के प्रयासों की भी प्रशंसा की.
मुरुगन ने तिरुपति लोकसभा (आरक्षित) सीट पर उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के. रत्नाप्रभा के पक्ष में प्रचार किया.
यह संसदीय सीट वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के बल्ली दुर्गा प्रसाद राव के निधन के बाद रिक्त हो गई थी, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 2.3 लाख मतों के अंतर से तेलुगू देशम पार्टी की प्रत्याशी पनबाका लक्ष्मी को हराया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पनबाका लक्ष्मी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी डॉ. एम. गुरुमूर्ति 17 अप्रैल को होने जा रहे उपचुनाव में एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)