उत्तर प्रदेश में बरेली ज़िले के रहने वाले युवक की मां ने आरोप लगाया कि है कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर पुलिस ने उनके बेटे के हाथ और पैर में कील ठोंक दी. हालांकि पुलिस का कहना है कि ख़ुद को बचाने के लिए आरोपी ने स्वयं इस काम को अंजाम दिया है. पुलिस के अनुसार, मास्क लगाने के लिए टोकने पर युवक द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीज़ी की गई, जिसके बाद उसके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते बुधवार को एक युवक की मां ने आरोप लगाया कि कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर पुलिस ने उनके बेटे के हाथ और पैर में कीलें ठोंक दी, लेकिन पुलिस ने इससे साफ इनकार किया है.
जिले के बारादरी थाना के तहत आने वाले जोगी नवादा के रहने वाले युवक रंजीत की मां कुसुमलता ने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि कोरोना कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर उसके बेटे के हाथ और पैर में कील ठोंक दी गई.
बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह साजवान ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि पुलिस से बचने के लिए आरोपी ने स्वयं इस काम को अंजाम दिया है.
एसएसपी साजवान ने बताया कि रंजीत नामक युवक 24 मई को बिना मास्क के घूम रहा था और इस बारे में टोकने पर उसने पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी की थी. इस प्रकरण में उसके खिलाफ थाना बारादरी में मुकदमा दर्ज किया गया था.
उन्होंने बताया कि घटना के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. इसके बाद से ही पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही थी. बीते बीते 25 मई की रात भी पुलिस ने आरोपी के यहां दबिश दी थी, लेकिन वे नहीं मिले.
एसएसपी का दावा है कि पुलिस से बचने के लिए युवक ने यह नाटक किया. घटना 24 मई की है, जबकि घटना के बाद से ही वह मौके से फरार हो गया था.
Bareilly:Man accuses police of hammering nails into his hand&foot for violating COVID restrictions
Charges levelled by him not true. FIR registered against him for not wearing mask on May24. He has done all this to save himself. He went to jail in '19 for damaging an idol:Police pic.twitter.com/Neysv1zSJH
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 26, 2021
युवक की मां कुसुमलता ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि कि बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा का रहने वाला उनका बेटा 24 मई की रात करीब दस बजे अपने घर बाहर बैठा हुआ था, इसी बीच पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. पुलिस ने सभी लोगों को मास्क लगाने को कहा.
उन्होंने कहा कि इस बीच रंजीत का पुलिसकर्मियों से विवाद हुआ था. उन्होंने दावा कि विवाद के बाद पुलिसकर्मी रंजीत को जबरन अपने साथ ले गए ले गए थे और बाद में पुलिसकर्मी उसको मरणासन्न अवस्था में फेंक कर चले गए.
पुलिस ने पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां फिलहाल उनका इलाज चल रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बारादरी थाना प्रभारी (एसएचओ) सितांशु शर्मा ने बताया कि 24 मई को कॉन्स्टेबल हरिओम ने रंजीत को रोका, क्योंकि वह नशे में धुत घूम रहा था. उसके पास मास्क नहीं था. जब हरिओम ने इसके बारे में पूछा तो रंजीत ने कथित तौर पर दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. इस जब पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी तो उसने कथित तौर पर कॉन्स्टेबल हरिओम को मारना शुरू कर दिया.
रंजीत के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए बल का इस्तेमाल), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना) और 270 (खतरनाक बीमारी का संक्रमण फैलाने का कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक, रंजीत ने पहली बार कानून नहीं तोड़ा है. साल 2019 में कथित तौर पर शराब के नशे में एक मंदिर में घुसने और मूर्तियों को अपवित्र करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)