कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आप प्रधानमंत्री है, आप ज़िम्मेदारी किसी और पर नहीं डाल सकते हैं. लब्बोलुआब यह है कि आप ज़िम्मेदार हैं. अब तक भारत की केवल 3 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण क्यों किया गया है? प्रधानमंत्री ने टीकों का निर्यात किया, क्योंकि वह यह समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार टीकों की ‘कृत्रिम कमी’ पैदा कर रही है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि मोदी ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और जो ‘नौटंकी’ की, उस कारण ये हालात पैदा हुए.
उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण हुआ तो आगे तीसरी, चौथी और पांचवीं लहर भी आएगी क्योंकि वायरस का स्वरूप बदलता जाएगा.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ की बजाय देश को सच्चाई बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनकर और पूरे देश को साथ लेकर कोरोना वायरस से निपटने की रणनीति बनानी चाहिए.
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार आज तक कोरोना वायरस एवं इसके स्वरूपों को नहीं समझ पाए तथा पिछले साल फरवरी में ही अगर कांग्रेस की बातों को सुन लिया होता तो लाखों लोगों की जान नहीं जाती.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है. सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना आज तक समझ नहीं आया है.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘आप प्रधानमंत्री है, आप जिम्मेदारी किसी और पर नहीं डाल सकते हैं. लब्बोलुआब यह है कि आप जिम्मेदार हैं. अब तक भारत की केवल 3 प्रतिशत आबादी का ही टीकाकरण क्यों किया गया है? पीएम ने टीकों का निर्यात किया, क्योंकि वह यह समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है.’
You are the Prime Minister. The buck stops with you. The bottom line is you are responsible. Why is only 3% of India vaccinated? The PM exported vaccines because he fundamentally misunderstood what’s going on: Shri @RahulGandhi#RahulExposesCovidFailures pic.twitter.com/JT4A6OGHNz
— Congress (@INCIndia) May 28, 2021
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा. मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कोरोना को रोकने के तीन-चार तरीके हैं. इनमें से एक तरीका टीकाकरण है. लॉकडाउन एक हथियार है, लेकिन यह अस्थायी समाधान है. सामाजिक दूरी रखना और मास्क पहनना भी अस्थायी समाधान है. टीका स्थायी समाधान है. अगर आप तेजी से टीका नहीं लगाते हैं तो वायरस बढ़ता जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘कुछ ही समय पहले मैंने देखा कि विदेश मंत्री (एस. जयशंकर) ने घोषणा की है कि हम ‘टीका कूटनीति’ कर रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं. आज स्थिति क्या है? देश के सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगाया गया. यानी 97 फीसदी लोगों को कोरोना पकड़ सकता है. इस सरकार ने कोरोना के लिए दरवाजा खुला छोड़ रखा है.’
राहुल गांधी ने कहा, ‘अमेरिका ने अपनी आधी आबादी को टीका लगा दिया. ब्राजील जैसे देश ने आठ-नौ फीसदी लोगों को टीका लगा दिया. हम टीका बनाते हैं, लेकिन हमारे यहां सिर्फ तीन फीसदी लोगों को टीका लगा है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर इसी गति से टीकाकरण होता गया तो मई 2024 तक ही हिंदुस्तान की पूरी जनता का टीकाकरण हो पाएगा. अगर ऐसे ही सब चलता रहता तो तीसरी नहीं, बल्कि चौथी और पांचवीं लहर भी आ जाएगी.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ‘दूसरी लहर प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री ने जो नौटंकी की, अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की, उस कारण दूसरी लहर है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट तरीके से बता रहा हूं कि कोरोना से हमारी जो मृत्यु दर है, वह सरासर झूठ है, सरकार इस झूठ को फैला रही है. यह झूठ फ़ैलाने का समय नहीं है. अगर हमें कोरोना से लड़ना है तो सच्चाई समझनी पड़ेगी और सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है. यह हिंदुस्तान के भविष्य का मामला है, हमारे लोगों की जान बचाने का मामला है. सरकार को समझना चाहिए कि विपक्ष उनका दुश्मन नहीं है; विपक्ष उनको संकेत दे रहा है, विपक्ष उन्हें रास्ता दिखा रहा है.’
उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र को पूरे देश को साथ लेकर रणनीति बनानी होगी.
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया, ‘मोदी जी और भूपेश बघेल जी (छत्तीसगढ़ के मुख्यंत्री) साथ होंगे तो कोरोना से निपटा जा सकेगा. मोदी जी और ममता बनर्जी जी (पश्चिम बंगाल) साथ होंगे तो कोरोना से लड़ाई लड़ी जाएगी.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को दम दिखाना चाहिए और एक ‘नेता’ की तरह आगे बढ़कर कहना चाहिए कि मिलकर कोरोना से निपटा जाएगा और उसकी रणनीति सामने रखनी चाहिए.
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की और सलाह दी कि मौत के आंकड़े छिपाने से कुछ नहीं होगा, बल्कि सच्चाई सामने रखकर इससे लड़ा जा सकता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार झूठ बोल रही है और कोरोना को लेकर आंकड़ों को छिपाने का प्रयास कर रही है.
भारत बायोटेक और एसआईआई को फायदा पहुंचाने के लिए टीकों की ‘कृत्रिम कमी’ पैदा कर रहा है केंद्र: आप
दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारत बायोटेक एवं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार कोविड-19 टीकों का ‘कृत्रिम अभाव’ पैदा कर रही है.
आप प्रवक्ता अतिशी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का टीकाकरण अभियान स्कूलों में रूक गया है और यही स्थिति पूरे देश में है जबकि निजी अस्पतालों में टीकाकरण अलग अलग दरों पर जारी है .
भारत में अभी मुख्य रूप से देश में बने दो टीकों का उपयोग हो रहा है . इनमें से एक कोविशील्ड है और दूसरा कोवैक्सीन है, जिनका निर्माण क्रमश: सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया और भारत बायोटेक कर रही हैं. इसके अलावा छोटे स्तर पर रूसी टीके स्पूतनिक का भी इस्तेमाल हो रहा है .
आतिशी ने आरोप लगाया, ‘यह एक बड़ा रैकेट है. एक सरकारी केंद्र जहां युवाओं का टीकाकरण मुफ्त में किया जा रहा है वहां टीकों की कमी हो जाती है जबकि (निजी) अस्पतालों अधिकतम कीमतों पर टीकाकरण जारी है.’
आप प्रवक्ता ने और अधिक टीकों को आपातकालीन मंजूरी नहीं देने के लिए केंद्र पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में कई टीकों को मंजूरी मिली है . फाइजर के टीके को 85 देशों में मंजूरी मिली है. मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों को कम्रश: 46 एवं 41 देशों में मंजूरी मिली है .
आप नेता ने कहा, ‘इन तीन टीकों को आपताकालीन उपयोग के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है. जब विश्व स्वास्थ्य संगठन इन टीकों की मंजूरी दे सकती है तो भारत क्यों नहीं दे सकता है.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘इससे यह स्पष्ट हो जाता है भारत बायोटेक एवं सीरम इंस्टिट्यूट आफ इंडिया को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने यह कृत्रिम अभाव पैदा किया है.’
दिल्ली भाजपा ने इस आरोप को ‘बेबुनियाद’ करार दिया है. पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आतिशी का आरोप बेबुनियाद एवं आधारहीन हैं क्योंकि सरकार ने कमी पैदा नहीं की है.
उन्होंने कहा कि आतिशी को पता होना चाहिए कि सीरम इंस्टिट्यूट एवं भारत बायोटेक को इस कमी से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि कमी का मतलब विदेशी निर्माताओं का प्रवेश है.
कपूर ने दावा किया कि कमी पैदा करना और आम लोगों को परेशानी में डालना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की विशेषता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)