मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, नौकरशाहों का बोलबाला

केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.

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The President, Shri Ram Nath Kovind, the Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu and the Prime Minister, Shri Narendra Modi with the newly inducted Ministers after a Swearing-in Ceremony, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on September 03, 2017.

केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख़्तार अब्बास नक़वी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.

The President, Shri Ram Nath Kovind, the Vice President, Shri M. Venkaiah Naidu and the Prime Minister, Shri Narendra Modi with the newly inducted Ministers after a Swearing-in Ceremony, at Rashtrapati Bhavan, in New Delhi on September 03, 2017.
केंद्रीय मंत्रिमंडल के शपथग्रहण के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रीगण. (फोटो: पीआईबी)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल के चौथे वर्ष में आज रविवार को हुए मंत्रिपरिषद विस्तार में जिन 13 मंत्रियों ने शपथ ली उनमें से चार नौकरशाह हैं. इनमें आरके सिंह, सत्यपाल सिंह, केजे अल्फॉस और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने शपथ ली, उनके अनुभव और बुद्धिमता से मंत्रिपरिषद को काफी लाभ मिलेगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया जिसमें नौ नये चेहरों को शामिल किया गया और चार मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति मिली.

मंत्रिपरिषद विस्तार में अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, शिव प्रताप शुक्ला, अनंत कुमार हेगड़े, राज कुमार सिंह, हरदीप पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह और केजे एल्फॉस ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.

मोदी मंत्रिमंडल में चार नौकरशाह

राजकुमार सिंह 1975 बैच के पूर्व आइएएस अधिकारी हैं और बिहार के आरा से लोकसभा सदस्य हैं. वे केंद्रीय गृह सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव भी रहे हैं.

सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश की बागपत सीट से अजीत सिंह को हराकर सांसद बने. 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी सिंह मुंबई के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं.

अल्फॉस कन्ननथनम 1979 बैच के आइएएस अफसर और केरल के भाजपा नेता हैं. 1989 में उनके डीएम रहते कोट्टायम सौ फीसद साक्षरता वाला देश का पहला शहर बना था.

हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहने के साथ कई देशों में भारत के राजदूत रहे. हिंदू कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाई के समय जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे हैं.

पद एवं गोपनीयता की शपथ

राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित शपथग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री समेत कुछ अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस मंत्रिपरिषद विस्तार को सरकार की विशेष तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री द्वारा तीसरी बार मंत्रिपरिषद के विस्तार में नौ मंत्रियों को शामिल किया गया वहीं नये मंत्रियों को जगह देने के लिए छह मंत्रियों ने इस्तीफा भी दिया.

पदोन्नति पाने वाले चार मंत्री राज्यसभा से

मंत्रिपरिषद में जिन चार मंत्रियों को पदोन्नति दी गई, वे सभी राज्यसभा के सदस्य हैं. मंत्रिपरिषद विस्तार में प्रशासनिक अनुभव को भी ध्यान में रखा गया है और इसी के तहत सत्यापाल सिंह, आरके सिंह, हरदीप पुरी, केजे अल्फॉस को इसमें जगह मिली है.

हरदीप पुरी, अल्फॉस कन्नाथनम और निर्मला सीतारमण ने अंग्रेजी में शपथ ली, जबकि धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी के अलावा अश्विनी कुमार चौबे, वीरेंद्र कुमार, शिव प्रताप शुक्ला, अनंत कुमार हेगड़े, राज कुमार सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, सत्यपाल सिंह ने हिंदी में शपथ ली.

जदयू शिवसेना से कोई मंत्री नहीं बना

ऐसी अटकलें थीं कि इस मंत्रिपरिषद फेरबदल में राजग में हाल ही में शामिल हुए जदयू और महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना के कोटे से भी मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन विस्तार के बारे में सूचना मिलने के बाद इन दलों ने उनके किसी सदस्य को मंत्री बनाए जाने से इंकार किया है.

समझा जाता है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नये नामों का चयन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊर्जा, दक्षता, पेशेवर तथा राजनीतिक कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर किया है ताकि नये भारत के विजन पर वे काम कर सके. यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी.

सूत्रों ने बताया अपनी टीम के सदस्यों को उन्होंने गुण और भविष्य की क्षमता के आधार पर चुना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नये भारत के अपने विजन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विकास और सुशासन पर आधारित होगा जिसमें गरीबों, हाशिये के लोगों और समाज के वंचित तबके का विशेष ख्याल रखा जाएगा.

नकवी हैं भाजपा का अल्पसंख्यक चेहरा

मोदी मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नत किए गए मुख्तार अब्बास नकवी झारखंड से राज्यसभा सदस्य हैं. नकवी अभी तक अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे थे. नकवी पर भरोसा जताते हुए प्रधानमंत्री ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रोन्नत किया है.

जनता पार्टी से विधायक बनने के साथ 1980 के दशक में राजनीति की शुरुआत करने वाले नकवी 1986 में भाजपा में शामिल हो गए और तब से लगातार पार्टी के प्रमुख अल्पसंख्यक चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं.

भाजयुमो अध्यक्ष रह चुके हैं प्रधान

पेट्रोलियम मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे युवा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मोदी सरकार में अब कैबिनेट मंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. बिहार राज्य से उच्च सदन में प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधान मूल रूप से ओडिशा से आते हैं. वह ओडिशा विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.

अपने बेहतर कामकाज को लेकर कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रोन्नत किए गए पीयूष गोयल भी राज्यसभा के सदस्य हैं. वह पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रह चुके हैं. 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद गोयल की अगुवाई में बिजली मंत्रालय ने 2022 से पहले देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. उनके पिता वेद प्रकाश गोयल भी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे थे.

दमदार ढंग से बात रखती हैं सीतारमण

कैबिनेट मंत्री के रूप में आज शपथ लेने वाली निर्मला सीतारमण भी राज्यसभा सांसद हैं और तमिलनाडु से आती हैं. उन्हें भाजपा के दक्षिण भारत से आने वाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है. वह अपने विरोधियों को मुखर जवाब देने और भाजपा तथा सरकार की बात दमदारी से रखने के लिए भी जानी जाती हैं.

मोदी मंत्रिपरिषद विस्तार में राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में शिव प्रताप शुक्ल उार प्रदेश से राज्यसभा सदस्य है. आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे. अश्विनी कुमार चौबे बिहार के बक्सर से लोकसभा सदस्य हैं और बिहार में प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे. उन्होंने जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत की थी.

छह बार सांसद रह चुके हैं वीरेंद्र कुमार

वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद हैं. दलित नेता वीरेंद्र कुमार छह बार सांसद और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं. अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से लोकसभा सांसद हैं. 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनने के बाद लोकसभा में यह पांचवीं पारी है.

गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर, राजस्थान से लोकसभा सदस्य हैं. टेक्नो-सेवी और प्रगतिशील किसान माने जाते हैं. वे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं.

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