इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण को लेकर बरती जा रही ढिलाई के मद्देनज़र कहा है कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह ज़रूरी हैं, लेकिन इसके लिए कुछ और महीने इंतज़ार किया जा सकता है. आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.
नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने सरकार और लोगों के ढिलाई बरतने तथा कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन किए बगैर बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने को लेकर बीते सोमवार को चिंता प्रकट की. साथ ही, कहा कि ये घटनाएं महामारी की तीसरी लहर का मुख्य कारण बन सकती हैं.
आईएमए ने एक बयान में कहा कि पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं, धार्मिक उत्साह जरूरी हैं, लेकिन कुछ और महीने इंतजार किया जा सकता है.
चिकित्सकों के संगठन ने कहा कि वैश्विक साक्ष्य और किसी भी महामारी के इतिहास से यह पता चलता है कि ‘तीसरी लहर अवश्यंभावी और आसन्न’ है.
बयान में कहा गया है, ‘हालांकि, यह जिक्र करना दुखद है कि इस नाजुक वक्त में, जब हर किसी को तीसरी लहर की संभावना घटाने के लिए काम करने की जरूरत है, देश के कई हिस्सों में, सरकारें और लोग ढिलाई बरत रहे हैं तथा कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन किए बगैर बड़ी संख्या में एकत्र हो रहे हैं. पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं और धार्मिक उत्साह, ये सभी जरूरी हैं लेकिन कुछ महीने इंतजार किया जा सकता है.’
आईएमए ने कहा, ‘इनकी इजाजत देना और लोगों को टीका लगवाए बगैर इस भीड़भाड़ में शामिल होने देना कोविड की तीसरी लहर में बड़ा योगदान दे सकता है.’
ओडिशा के पुरी में सालाना रथ यात्रा शुरू होने के दिन और उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की अनुमति दिए जाने की वार्ता होने के बीच यह बयान आया है.
आईएमए ने सभी राज्यों से लोगों की भीड़भाड़ को रोकने की अपील की है.
वहीं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने बीते सोमवार को कहा था कि सरकार पर्यटकों को रोकना नहीं चाहती है, लेकिन कुछ प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए. पर्यटन मंत्री ने पहाड़ी स्थलों और अन्य पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने की चिंताओं के बीच ये टिप्पणी की थी.
आईएमए उत्तराखंड ने राज्य सरकार से कांवड़ यात्रा की इजाजत न देने का आग्रह किया
वहीं आईएमए की उत्तराखंड इकाई ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चिट्ठी लिखकर कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर इस साल कांवड़ यात्रा को रद्द करने का आग्रह किया है.
एक पत्र में महामारी की तीसरी लहर को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों की चेतावनी की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाते हुए आईएमए के राज्य सचिव अमित खन्ना ने उनसे कांवड़ा यात्रा के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देने का आग्रह किया.
एक पखवाड़े चलने वाली यात्रा श्रावण महीने की शुरुआत (करीब 2 जुलाई) से आरंभ होकर और अगस्त के पहले हफ्ते तक चलेगी जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के करोड़ों कांवड़िए गंगा का पवित्र जल लेने के लिए हरिद्वार में जमा होते हैं.
पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर की वजह से यात्रा को रद्द कर दिया गया था.
खन्ना ने आईएमए की ओर से कहा, ‘हम आपसे जुलाई-अगस्त, 2021 में प्रस्तावित कांवड़ यात्रा को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि कई विशेषज्ञों के अनुसार देश में कोविड महामारी की तीसरी लहर दस्तक देने के लिए तैयार है.’
उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि कैसे लोग पहली लहर के बाद लापरवाह हो गए थे और घातक दूसरी लहर के रूप में इसकी भारी कीमत चुकाई. आईएमए के सचिव ने धामी से इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य और देश के हित में सकारात्मक निर्णय लेने को कहा.
खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने में लापरवाही पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सरकार को पिछली विफलताओं से सबक सीखते हुए भक्तों को राज्य में प्रवेश की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
हालांकि धामी पहले ही कह चुके हैं कि कांवड़ यात्रा लोगों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है और लोगों की जान बचाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने बीते कुछ दिनों के दौरान दिल्ली में प्रधानमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है.
धामी ने यात्रा के बारे में पूछने पर दिल्ली में बीते रविवार को पत्रकारों से कहा था, ‘भगवान भी नहीं चाहेंगे कि लोग मरें. इस समय प्राथमिकता जीवन बचाना है.’
धामी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के साथ परामर्श के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)